आठ मौतों का जिम्मेदार जहरीली शराब या सिस्टम
शहर के हाथी गेट और कपूरी गेट में वीरवार रात को जहरीली देसी शराब पीने से आठ लोगों की मौत होने के बाद पुलिस और सिविल प्रशासन पर बड़े सवाल उठ रहे हैं।
विनय कोछड़, बटाला
शहर के हाथी गेट और कपूरी गेट में वीरवार रात को जहरीली देसी शराब पीने से आठ लोगों की मौत होने के बाद पुलिस और सिविल प्रशासन पर बड़े सवाल उठ रहे हैं। पीड़ित परिवारों ने कहा कि अगर सही समय रहते पुलिस, सिविल प्रशासन शराब माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करती तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता। आधे बटाला शहर हाथी गेट, कपूरी गेट, काजी मोहरी, उमरपुरा, गांधी कैंप आदि में अवैध रूप से देसी जहरीली शराब बेचने का धंधा कई साल से चलता है। इन एरिया में ज्यादातर गरीब और मजदूर श्रेणी के लोग रहते हैं। इनमें 70 फीसद शराब पीते हैं और 30 से 40 फीसद लोग अवैध शराब बेचने का धंधा करते हैं। आरोप है कि इनकी पुलिस और सिविल प्रशासन के साथ पूरी सेटिग है। अगर पुलिस प्रशासन सख्ती से कार्रवाई करता तो इस धंधे को रोका जा सकता था।
जहरीली शराब से अपने परिजन को खोलने वाले दो परिवारों ने शुक्रवार को मीडिया के समक्ष कबूला कि यहां पर अवैध शराब सरेआम बिकती है। दिखावे के लिए पुलिस और आबकारी विभाग की रेड होती है, मगर तस्करों को इन विभाग के सूत्रों से पहले ही पता चल जाता है, जिस कारण वे इधर-उधर बिखर जाते हैं। पुलिस दस्तावेजों में अपनी रेड का कॉलम पूरा कर वहां से चलती बनती है। देसी शराब के धंधे में एक महिला का नाम सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि उस महिला के अधिकारियों और नेताओं से अच्छे संबंध हैं। मामले को लेकर थाना सिविल लाइन पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 304, 328 के तहत मामला दर्ज किया है। इसकी पुष्टि डीएसपी सिटी परविदर कौर और एसएचओ थाना सिविल लाइन मुख्तियार सिंह ने की। गंदा पानी, हल्की क्वालिटी के गुड़ से बनाई जाती है देसी शराब
विभागीय अधिकारियों से पता चला है कि यह जहरीली देसी शराब गंदा पानी, हल्की क्वालिटी का गुड़ और कल्ली का इस्तेमाल करके तैयार की जाती है। इन्हें बोतलों में डाल दिया जाता है। एक बोतल का रेट 100-150 रुपये रखा जाता है। इनसे शराब पीने वाले अधिकतर गरीब और मजदूर श्रेणी के लोग होते हैं। इतना ही नहीं 10-10 रुपये में एक ग्लास शराब का एक पैग भी बेचा जाता है। उसके साथ खास तौर पर नमक भी दिया जाता है। इन गांवों में में भी शराब का धंधा, रेड करने से डरती है पुलिस
बटाला के निकटवर्टी गांव खतीब, शामपुरा, दौलपुर, हरुवाल, काली ब्रहाणी, घुम्माण, श्री हरगोबिदपुर में सरेआम देसी शराब का धंधा चलता है। यहां पर पुलिस रेड करने से भी डरती है। अगर पुलिस रेड करने आ भी जाए तो लोग इकट्ठा होकर टीम पर हमला कर देते हैं। इस साल डेरा बाबा नानक क्षेत्र में पुलिस पर अवैध शराब की तस्करी करने वालों ने हमला कर दिया था। एक जगह तो गोली भी चली थी। तस्करों ने दरिया के पास बनाए नए अड्डे
पुलिस को किसी प्रकार से आशंका न हो, इसलिए अवैध शराब की तस्करी करने वालों ने अपने अड्डे दरिया के पास बनाने शुरू कर दिए हैं। श्री हरगोबिदपुर के पास मौजपुर एरिया में ब्यास दरिया के पास प्रतिदिन हजारों लीटर के हिसाब से देसी शराब निकाली जाती है। वहां से बटाला और गुरदासपुर के विभिन्न क्षेत्रों में सप्लाई की जाती है। खास बात है कि किसी को शक न हो, इसके लिए दरिया में किश्ती में अवैध शराब लादकर सप्लाई हो रही है, जोकि पुलिस प्रशासन के लिए बहुत बड़ा चिता का विष्य है। जुलाई में पकड़ी गई शराब और लाहन
-दो हफ्ते पहले श्री हरगोबिदपुर के पास बीस हजार लीटर लाहन बरामद हुई थी।
--कुछ दिन पहले घुमाण एरिया में छप्पड़ से तीन कैन अवैध लाहन मिली थी।
--22 जुलाई को गांव सन्नइयां, खतीब एरिया में तीन सौ लीटर अवैध शराब बरामद हुई।
24 जुलाई को नकली शराब के 100 पॉलीथिन पकड़े गए थे। जांच में खुलासा भी हुआ था कि यह शराब लोगों के लिए जानलेवा है।
--जुलाई माह के पहले हफ्ते में पुलिस ने खतीब में रेड डाली थी। वहां पर 200 लीटर अवैध शराब मिली थी, जबकि महिला तस्कर फरार हो गई। इस साल शराब तस्करी के 200 केस दर्ज, 70 गिरफ्तार
इस वर्ष आबकारी एक्ट के अधीन बटाला जिले में करीब 200 मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें 70 आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार करने का दावा किया है। इन सभी आरोपितों के खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज हैं। धारा कमजोर होने के कारण इसमें थाने में ही आरोपित को जमानत मिल जाती है। आरोपित जमानत पर आने के बाद फिर से अवैध शराब तस्करी का धंधा शुरू कर देते हैं। तीन साल पहले हुई थी एक दर्जन मौतें
तीन साल पहले जहरीली शराब पीने से दर्जनभर लोगों की मौत हो गई थी। मरने वाले गांव जौहल और हाथी गेट के रहने वाले थे। मृतक के परिजनों ने कानून का दरवाजा खटखटाया, मगर कोई इंसाफ नहीं मिला। बताया जा रहा है कि शराब बेचने वालों के राजनीतिक संबंध थे, इसलिए मामले को दबा लिया गया। 47
इन परिवारों ने अपनों को खोया
बूटा राम की भाभी बोली-शराब पीकर आने के बाद करने लगा था उल्टियां
हाथी गेट में दो परिवारों ने पुष्टि की कि उनके सदस्य की जहरीली शराब पीने से ही मौत हुई। बूटा राम उर्फ तूती पेशे से मजदूर हैं। उसकी भाभी रजनीश ने कहा कि वह पहले से तलाकशुदा था। गम ने शराब की लत डाल दी। वीरवार रात वह शराब पीकर घर आया तो उल्टियां करने लगा। उसे नींबू-पानी दिया। हालत बिगड़ने पर लोग अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे कि उसने दम तोड़ दिया। रजनीश ने आरोप लगाए कि हाथी गेट एरिया को मिलाकर आधा शहर में अवैध शराब बिकती है। पुलिस प्रशासन कोई कार्रवाइ नही करता है। बूटा राम घर में अकेला कमाने वाला था। बेटे ने अभी-अभी पढ़ाई समाप्त की है। फिलहाल कोइ काम नहीं करता है। 45
भूपिंदर की मां बोली-इकलौता बेटा दुनिया में नहीं रहा
शराब पीने से हाथी गेट के भूपिंदर सिंह की भी मौत हो गई। उसकी बूढी मां शीला ने रोते हुए कहा कि वह वीरवार रात को शराब पीकर घर आया तो उसकी तबीयत खराब हो गई। अस्पताल ले जाने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। घर का पालन-पौषण करने वाला उनका इकलौता बेटा इस दुनिया में रहा है। मौत की वजह के पीछे वह सरकार तथा प्रशासन को कोस रही थी। उसने कहा कि रोजी रोटी कमाने वाला बेटा भगवान के पास चला गया है, मुझे भी अपने पास बुला ले भगवान।
पुलिस की भूमिका पर भी उठे सवाल
इस मामले को लेकर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। शुक्रवार सुबह पुलिस ने कहा था कि ऐसा कोई मामला नहीं है। जब मामला मीडिया में पहुंचा तो सारा प्रशासन हिल गया। जिन-जिन लोगों की मौत हुई, वहां पर सभी पहुंच गए। तब पुलिस ने इतना जरूर कहा कि अगर मृतकों के परिजन स्टेटमेंट दे देते हैं तो वे जरूर कानूनी कार्रवाई करेंगे। --कोट्स
आबकारी विभाग की कमिश्नर राजविदर कौर बाजवा ने कहा कि विभिन्न टीमें अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं। कई तस्करों को गिरफ्तार कर केस दर्ज किया गया है। कार्रवाई करने में कोई भेदभाव नहीं किया जाता है।
-राजविंदर कौर बाजवा, कमिश्नर, आबकारी विभाग।