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भगवान परशुराम से सरबत के भले की कामना की

अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर भगवान श्री हरि के छठे अवतार भगवान श्री परशुराम की जयंती श्री ब्राह्मण सभा पंजाब शाखा बटाला की ओर से श्री वेद मंदिर ठठियारी गेट में मनाई गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 05:02 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 05:02 PM (IST)
भगवान परशुराम से सरबत के भले की कामना की
भगवान परशुराम से सरबत के भले की कामना की

संवाद सूत्र, बटाला : अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर भगवान श्री हरि के छठे अवतार भगवान श्री परशुराम की जयंती श्री ब्राह्मण सभा पंजाब शाखा बटाला की ओर से श्री वेद मंदिर ठठियारी गेट में मनाई गई। श्री ब्राह्मण सभा पंजाब शाखा बटाला के प्रधान राजेश शर्मा के नेतृत्व में मनाए गए इस भव्य कार्यक्रम में कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन किया गया।

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कार्यक्रम में श्री ब्राह्मण सभा बटाला के सीनियर सदस्य डाक्टर जनक राज, विजय पहलवान, मनोहर शर्मा, नरेश शर्मा, भारत भूषण प्रभाकर, वरिदर शर्मा, सचिन शर्मा, नरिदर त्रिपाठी, डा. जतिन शर्मा, अजय पटवारी, रमण पटवारी, राजपाल, सुदर्शन लखन पाल इत्यादि सम्मिलित हुए। सर्वप्रथम पूजा-अर्चना के बाद हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। कोरोना के कारण सुबह निकाली जाने वाली प्रभातफेरी व भंडारे का आयोजन स्थगित कर दिया गया था। उपस्थित सभी ब्राह्मण बंधुओं की ओर से भगवान श्री परशुराम जी के श्री चरणों में सरबत के भले की कामना करते हुए कोरोना महामारी से जल्द निजात दिलाने की प्रार्थना की गई। 12

मंदिर में हवन करके मनाई भगवान परशुराम की जयंती

संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : श्री परशुराम जयंती के उपलक्ष्य में गांव बब्बरी नंगल में ब्राह्मण सभा बब्बरी नंगल की ओर से बाबा हरि राम भगवान मंदिर में हवन यज्ञ करके भगवान परशुराम जयंती मनाई गई। सर्वप्रथम प्रधान पवन कुमार शर्मा की अध्यक्षता में सभा के सदस्यों ने मंदिर में स्थापित भगवान परशुराम जी की प्रतिमा को दूध से स्नान करवाकर पूजा-अर्चना की गई। वैदिक मंत्रों उच्चारण के साथ सदस्यों ने हवन यज्ञ में आहुतियां डाली।

सभा के प्रधान पवन कुमार शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम विष्णु के छठे अवतार थे। उन्होंने कहा कि परशुराम जी ब्रह्मा-विष्णु-महेश के प्रतीक हैं एवं उनकी पूजा करने से बच्चों में वीर रस के संस्कार पैदा होते हैं। हनुमान जी की ही तरह इन्हें भी चिरंजीव होने का आशीर्वाद प्राप्त है। भगवान शिव ने इनकी घोर तपस्या से प्रसन्न होकर इन्हें फरसा दिया था। फरसा को परशु भी कहा जाता है, इसी वजह से इन्हें परशुराम के नाम से जाना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन जन्म लेने के कारण ही भगवान परशुराम की शक्ति भी अक्षय थी। शास्त्रों में उन्हें अमर माना गया है। इस अवसर पर मनीष शर्मा, चंदन शर्मा, राकेश कुमार, बाबी शर्मा, विनोद कुमार, अमन कुमार, सत्या रानी, मंजू, मनमीत शर्मा उपस्थित थे।


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