आठ-दस हजार की नौकरी देख युवा निराश, कहा-यह सियासी स्टंट
गोल्डन कॉलेज में बुधवार को पंजाब सरकार द्वारा जिला स्तरीय रोजगार मेला लगाया गया।
रा¨जदर कुमार, गुरदासपुर
गोल्डन कॉलेज में बुधवार को पंजाब सरकार द्वारा जिला स्तरीय रोजगार मेला लगाया गया। इसमें कुल 1364 युवा नौकरी लेने के लिए पहुंचे। इस दौरान 832 प्रार्थियों का चुनाव किया गया और उन्हें ऑफर लेटर भी बांटे गए। चयनित प्रार्थियों में 637 लड़के व 195 लड़कियां शामिल हैं, लेकिन युवा कंपनियों की ओर से दिए गए सैलरी पैकेज से खुश नहीं दिखे। अधिकतर युवाओं को आठ से दस हजार रुपये महीने का ऑफर है, वो भी बाहर के शहर में। नौकरी के लिए आने वाले अधिकतर नौजवान ग्रेजुएशन व 12वीं पास थे। मशीन ऑपरेटर, कंप्यूटर ऑपरेटर, सिक्योरिटी गार्ड, सुपरवाइजर व सेल्समैन आदि की नौकरी देने के लिए 30 कंपनियों ने हिस्सा लिया था।
उधर, रोजगार मेले में पहुंचे अधिकतर युवाओं ने इसे पंजाब सरकार का सियासी स्टंट बताया है। उनका कहना है कि सरकार ने यदि नौजवान वर्ग को रोजगार देना है तो सरकारी विभागों में दे, ताकि नौजवानों को पक्का रोजगार मिल सके। इस महंगाई में आठ-दस हजार रुपये से क्या होगा? सरकार द्वारा प्राइवेट कंपनियों में नौजवानों को कम वेतन पर नौकरी दी जा रही है, वह भी अपने शहर से दूर। इस कारण अधिकतर नौजवान रोजगार मेले में जाने में कम रुचि रखते हैं। 4
सरकारी विभागों में कांट्रैक्ट बेस पर रखा जाए
फतेहगढ़ चूडि़यां कस्बे से रोजगार मेले में पहुंचे युवक लवप्रीत ने बताया कि वह बेरोजगार है और नौकरी पाने के लिए रोजगार मेले में आया हुआ था। लेकिन मेले में पहुंची प्राइवेट कंपनियों द्वारा उन्हें अपने शहर से बाहर 9 से 10 हजार तक ही वेतन दिया जा रहा है। इस कारण उसने रोजगार पाने के लिए फार्म नहीं भरे। 7
सरकार वादे के मुताबिक दे पक्का रोजगार
फतेहगढ़ चूडि़यां कस्बे के गांव डुलट निवासी लाडी ने कहा कि सरकार को वादे मुताबिक युवाओं को पक्का रोजगार देना चाहिए। ना कि प्राइवेट कंपनियों में कम वेतन पर अपने शहर से दूर काम देना चाहिए। उन्होंने कहा कि नौजवानों को सरकारी विभागों में कान्ट्रैक्ट बेस पर ही रखा जाए। 5
रोजगार मेले सियासी ड्रामा
गांव सद्दा निवासी रोहित कुमार का कहना है कि सरकार द्वारा लगाया जा रहा रोजगार मेला सियासी ड्रामा है। सरकार ने यदि रोजगार नौजवानों को प्राइवेट कंपनियों में नौकरी दिलाकर अपने वादे को पूरा करने की बात कर रही है, लेकिन सरकार ने नौजवानों को पक्का रोजगार देने की बात की थी। मगर अब नौजवानों को प्राइवेट कंपनियों में नौकरी दी जा रही है, जो वादे के बिल्कुल उल्ट है।