हल्की बारिश ने काश्त की गेहूं की फसल को खेतों में किया प्रभावत
पंजाब में अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर के पहले पखवाड़े में गेहूं की काश्त की जाती है।
संवाद सूत्र, काहनूवान : पंजाब में अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर के पहले पखवाड़े में गेहूं की काश्त की जाती है। पंजाब में गेहूं की काश्त जोरों पर चल रही है। मगर गत दिनों कुछ दिनों से मौसम में आई तब्दीली के बाद हुई बारिश ने किसानों को गेहूं बीजने के क्रम व उनके रोजाना खेती धंधों पर विघ्न डाला है।
मंगलवार सुबह से पूरे पंजाब में बदल साए हुए थे, मगर मंगलवार और बुधवार की शाम को हुई हल्की बारिश ने पंजाब में गेहूं की बिजाई के क्रम को काफी हद तक रोक दिया है। यहां बारिश ने बिजाई करने के क्रम को रोका, उसके साथ बीजी हुई गेहूं को भी भारी नुकसान हुआ है। एक अंदाजे मुताबिक पंजाब में 35 लाख एकड़ में गेहूं की खेती की जाती है। पंजाब के मालवा पट्टी में गेहूं की काश्त दूसरे क्षेत्रों से अगेती होती है। जिस करके मालवे में बीजी गेहूं पर बारिश का बहुत बुरा असर नहीं पड़ेगा।
पंजाब में माझे व कंडी क्षेत्र में गेहूं की बिजाई पंजाब के दूसरे क्षेत्रों से पिछड़कर होती है। पंजाब में धान की जून माह में पिछड़ कर हुई काश्त के कारण धान की कटाई भी काफी दिनों तक पिछड़ गई थी। जिसके चलते गेहूं की बिजाई पंजाब में इस बार पिछड़ कर हो रही है। मगर इस दौरान हुई बारिश से बिजाई का क्रम और पिछड़ गया है।
कृषि अधिकारी डा. अमरीक ¨सह से बात की तो उन्होंने कहा कि इस बार बारिश के कारण बीजी हुई गेहूं के खेतों पर बुरा असर पड़ा है। सेम वाले क्षेत्रों में बारिश का असर अधिक रहेगा। कुल मिलाकर यह बारिश किसानों के लिए बहुत लाभदायक नहीं है।