Move to Jagran APP

सफाई कर्मियों के पास सुरक्षा उपकरण नहीं, खतरे में जिंदगी

सुरक्षा उपकरण के बिना नगर कौंसिल के सफाई कर्मचारी शहर की सफाई करते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 05:42 PM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 05:42 PM (IST)
सफाई कर्मियों के पास सुरक्षा उपकरण नहीं, खतरे में जिंदगी
सफाई कर्मियों के पास सुरक्षा उपकरण नहीं, खतरे में जिंदगी

जागरण संवाददाता, संवाद सूत्र, बटाला : सुरक्षा उपकरण के बिना नगर कौंसिल के सफाई कर्मचारी शहर की सफाई करते हैं। नगर कौंसिल में स्थायी (127) तथा अस्थायी (168) सफाई कर्मचारियों के जिम्मे शहर को साफ सुथरा रखने की ड्यूटी है। लेकिन इनके पास सुरक्षा उपकरण नहीं होने के कारण इनकी जिदगी खतरे में है। कई मुलाजिम सफाई के दौरान उड़ने वाली धूल से बीमारियों के शिकार हो चुके हैं।

loksabha election banner

पता चला है कि पिछले वर्ष उक्त मुलाजिमों को स्वच्छ भारत मुहिम के तहत जैकेट तथा मास्क प्रदान किए गए। लेकिन इस बार इन्हें सुरक्षा उपकरण अभी तक नहीं प्रदान किए गए। इस वजह से उन्हें इन सुरक्षा उपकरणों के बिना शहर की सफाई करनी पड़ रही है। उधर, नगर कौंसिल का तर्क है कि वे अपनी तरफ से उक्त मुलाजिमों को सुरक्षा उपकरण जारी कर चुके हैं, लेकिन वे नियमों को दरकिनार करते हुए इसे इस्तेमाल नहीं करते हैं। कुछ मुलाजिमों से पता चला है कि इन उपकरणों की व्यवस्था नहीं होने के कारण भारी तादाद में सफाई कर्मचारी बीमार हो गए। कई तो भयानक बिमारी के शिकार हो चुके हैं, जिनका शहर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। फिलहाल इसका डाटा नगर कौंसिल ने नहीं बताया है।

उनका कहना है कि नए सुरक्षा उपकरण के लिए फंड पास हो चुके हैं, जल्द सफाई कर्माचारियों को मुहैया करवा दिए जाएंगे। बता दें कि इसमें सबसे अधिक उन सफाई कर्मचारियों को दिक्कतें पेश आ रही हैं, जिन्हें गंदगी को उठाने तथा वहां पर सफाई करने की ड्यूटी लगाई गई। उनके लिए मास्क, जूते, ग्लबस की ज्यादा जरूरत होती है। उन्होंने बताया कि क्या करें साहब जो उन्हें ड्यूटी दी गई, उसे पूरा करना उनका मौलिक क‌र्त्तव्य है। हां, अगर नगर कौंसिल उन्हें सुरक्षा उपकरण प्रदान करे दें तो उनकी समस्या दूर हो सकती है। उनकी शिकायत रही कि उपकरण की बात छोड़िए अभी तक उनके ठेकेदार ने पिछले चार माह से उनकी पगार भी नहीं रिलीज की। घर में उनका पालन-पोषण करना मुश्किल हो चुका है। इधर, सीवरेज विभाग का बुरा हाल

सीवरेज की सफाई के लिए सीवरेज विभाग के पास केवल दो सुरक्षा उपकरण मौजूद हैं, जबकि काम करने वाले उनके पास 11 टीमें हैं। उसमें सिर्फ सेफ्टी जैकेट ही है। शेष सामान लंबे समय से सीवरेज विभाग के पास पेंडिग है। एसडीओ एचएस ढिल्लों ने बताया कि वे इस बाबत अपने विभाग को कई बार लिख चुके हैं। सफाई कर्मियों को मिलते हैं ये उपकरण

नगर कौंसिल तथा सीवरेज विभाग के सफाई कर्मचारियों को सफाई करने के लिए सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाए जाते हैं। इसमें सफाई कर्मचारियों के लिए ग्लब्स, जैकेट तथा सीवरेज व दलदल की सफाई के लिए विशेष ड्रेस, जूतें, फेस मास्क, हेलमेट, हैंड ग्लब्स, जैकेट विशेष रूप से होती है।

ये हैं नुकसान

जानकारों की मानें तो धूल की सफाई के लिए मुंह मास्क तथा जैकेट पहनना जरूरी है, नहीं तो दमा की बीमारी जल्द हो सकती है। इसी प्रकार धलधल तथा सीवरेज की सफाई के लिए जूते, फेस मास्क, हेलमेट, हैंड ग्लब्स, जैकेट विशेष रूप से पहनना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर दुर्गध की स्मैल से बेहोश, बीमार तथा जान तक भी जा सकती है। वर्कशॉप में सफाई कर्मियों को अंग्रेजी नहीं आई समझ

पिछले दिनों मुंबई तथा चंडीगढ़ की स्पेशल टीमों ने नगर कौंसिल बटाला का दौरा किया। उन्होंने सभी सफाई कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपकरण का इस्तेमाल कैसे करें, उस बारे बताया गया। लेकिन वर्कशॉप को अटैंड करने वाले अधिकतर सफाई कर्मचारियों को अंग्रेजी नहीं आई, क्योंकि वर्कशॉप में अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल किया गया। कोट्स

सुरक्षा उपकरण नहीं पहनते सफाई कर्मचारी : ईओ

सफाई कर्मचारी सुरक्षा उपकरण पहनते नहीं हैं। इन्हें हर प्रकार की सुविधा दी गई है। नियमों के मुताबिक सफाई कर्मचारी को काम के दौरान सुरक्षा उपकरण का इस्तेमाल करना होता है। कई बार इन्हें समझाया गया। इसके अलावा गंदगी को साफ करने वालों को भी सख्त हिदायतें जारी की गई वे अपने-अपने सुरक्षा उपकरण का इस्तेमाल करें।

-भूपिंदर सिंह, ईओ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.