स्वर्ग के रास्ते से सरकारी नरक साफ
राज्य सरकार से गांव भटोआ के श्मशानघाट की मरम्मत के लिए फंड जारी ना होने से ग्राम वासी आपसी सहयोग से ही इसका निर्माण करवा रहे हैं। श्मशान घाट को मूलभूत सुविधाओं से लेस किया जा रहा है। गांव के समाजसेवक व पंच दलविदर सिंह बिल्ला द्वारा 50 हजार की राशि देकर महिलाओं के स्नान के लिए कमरों का निर्माण करवाया जा रहा है।
शंकर श्रेष्ठ, दीनानगर : राज्य सरकार से गांव भटोआ के श्मशानघाट की मरम्मत के लिए फंड जारी ना होने से ग्राम वासी आपसी सहयोग से ही इसका निर्माण करवा रहे हैं। श्मशान घाट को मूलभूत सुविधाओं से लेस किया जा रहा है। गांव के समाजसेवक व पंच दलविदर सिंह बिल्ला द्वारा 50 हजार की राशि देकर महिलाओं के स्नान के लिए कमरों का निर्माण करवाया जा रहा है। बता दें कि लंबे समय से लोगों को श्मशानघाट में जाने के दौरान परेशानियां पेश आ रही थी, हालांकि उक्त समस्या से जिला प्रशासन के अधिकारियों को कई बार अवगत करवाया। लेकिन फंड जारी न होने के चलते अब लोगों ने खुद ही अपने खर्चे पर निर्माण कार्य शुरू करवाया। वैसे तो राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं देने के बड़े-बड़े दावे करती है। लेकिन उक्त गांव में पिछले लंबे समय से राजनीतिक के चलते फंड ना जारी करके पक्षपात किया जा रहा है। ग्राम पंचायत सुधार कमेटी के चेयरमैन सरपंच प्रेमचंद, प्रधान दर्शन लाल, सदस्य विजय कुमार बोधराज, आत्मा सिंह, सतनाम सिंह, सुखविदर सिंह, बचन सिंह, पंच दविदर सिह, अवतार सिंह नवदीप सिंह सहित अन्य लोग श्मशानघाट का निर्माण करवा रहे हैं।
सहायता राशि के लिए सभी कर रहे सहयोग
श्मशानघाट से लेकर गलियों तक के निर्माण के लिए लोगों द्वारा सहयोग किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि यह समस्या ना केवल एक परिवार या मोहल्ले की है, बल्कि पूरे गांव की है। इसी को आधार मानकर गांव के लोग आपसी सहयोग से प्रत्येक विकास कार्य में योगदान दे रहे हैं।
20 रुपये माह प्रति घर से विकास के लिए जुट रहे
गांव के विकास कार्यो के लिए लोगों द्वारा आपसी सहयोग से निगरानी पंचायत सुधार कमेटी बनाई है जिसके चलते प्रत्येक घर से प्रतिमाह 20 रुपये के हिसाब से सहयोग लिया जा रहा है। इन पैसों से ना केवल श्मशानघाट का निर्माण करवाया जा रहा है बल्कि अन्य कार्य भी हो रहे हैं। वहीं पंच दलविदर सिंह बिल्ला ने कहा कि ना केवल श्मशानघाट के विकास में लोगों द्वारा सहयोग किया जा रहा है बल्कि अन्य कार्यो में भी लोग साथ दे रहे हैं।