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गिरफ्तारी देने डीसी दफ्तर पहुंचे किसान, तीन घंटे दिया धरना

तीनों अध्यादेशों को रद करवाने की मांग को लेकर माझा किसान संघर्ष कमेटी ने जेल भरो आंदोलन शुरू किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 10:02 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 06:08 AM (IST)
गिरफ्तारी देने डीसी दफ्तर पहुंचे किसान, तीन घंटे दिया धरना
गिरफ्तारी देने डीसी दफ्तर पहुंचे किसान, तीन घंटे दिया धरना

संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : तीनों अध्यादेशों को रद करवाने की मांग को लेकर माझा किसान संघर्ष कमेटी ने जेल भरो आंदोलन शुरू किया है। सोमवार को किसान डीसी दफ्तर में गिरफ्तारी देने पहुंचे और करीब तीन घंटे दफ्तर का घेराव किया। इस दौरान केंद्र और पंजाब सरकार के खिलाफ भड़ास निकालते हुए जमकर नारेबाजी की। इसके बाद डीसी मोहम्मद इशफाक को सरकार के नाम मांगपत्र सौंपा गया। डीसी के आश्वासन के बाद धरना उठा लिया गया। धरने के दौरान भारी पुलिस बल भी तैनात रहा।

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किसान नेता दलीप सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार तीन अध्यादेश लागू करके किसानों को मारने की ओर चल रही है। किसान पहले से ही कर्ज में डूबे हुए हैं। ऐसे में फसल की खरीद निजी एजेंसियों के हवाले करना किसानों को पूरी तरह से दबाने वाला फैसला है। केंद्र और पंजाब सरकार ने जब भी कोई फैसला लिया है किसानों के खिलाफ ही लिया है। किसान देश का अन्नदाता है। लेकिन दोनों सरकारें अन्नदाता को खत्म करने की ओर चल पड़ी है। किसान पहले से ही जो खुदखुशियां करने को मजबूर हैं उन्हें और सताया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि तीनों अध्यादेश के फैसले को रद करवाने की मांग को लेकर किसानों ने जेल भरो आंदोलन शुरू किया है। डीसी दफ्तर का घेराव कर उनको कहा है कि उन्हें जेलों में बंद करवाया जाए। किसान जेल भरो आंदोलन का कार्यक्रम लगातार चलाएंगे। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले वे पठानकोट में भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्विनी कुमार को एक मांगपत्र देने के लिए गए थे। लेकिन भाजपा प्रधान ने पहले उनको आठ किलोमीटर पैदल घुमाया और बाद में मांगपत्र तो ले लिया, लेकिन पुलिस को कहकर 304 किसानों पर शारीरिक दूरी नहीं रखने के मामले में पर्चा दर्ज करवा दिया। उन्होंने कहा कि इन हरकतों से किसान डरने वाले नहीं हैं। किसान खुद अपनी गिरफ्तारी देने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि उनका संघर्ष तब तक चलेगा जब तक तीनों अध्यादेशों को रद नहीं कर दिया जाता। मुख्य मार्ग जाम करने की दी चेतावनी

किसानों ने कहा कि अगर समय रहते उनकी उक्त मांग को पूरा नहीं किया गया तो वे बड़े स्तर पर धरने प्रदर्शन करने को विवश होंगे। वे जिले के मुख्य मार्ग जाम करके अपने अधिकारिक मसलों का हल करवाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सरकार की होगी। शारीरिक दूरी की उड़ाई धज्जियां

डीसी ऑफिस के बाहर सैकड़ों किसान धरना देने के लिए पहुंचे। इस दौरान किसानों ने शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ाकर रख दी। बड़ी मात्रा में किसान कोरोना से अंजान होकर बिल्कुल एक दूसरे के पास खड़े दिखाई दिए। --कोट्स

किसानों ने धरने के दौरान शारीरिक दूरी के नियमों की अवहेलना की है। ऐसे किसानों की लिस्ट बनाकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।

-मोहम्मद इशफाक, डीसी।


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