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आठ घंटे बाद किसानों ने उठाया धरना

कृषि विधेयक के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ किसान भड़क उठे हैं। शनिवार को किसानों ने शहर में रोष मार्च निकालने के बाद काहनूवान रोड पर रेलवे ट्रैक जाम करके अनिश्चितकालीन धरना लगा दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 10:16 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 10:16 PM (IST)
आठ घंटे बाद किसानों ने उठाया धरना
आठ घंटे बाद किसानों ने उठाया धरना

रेलवे ट्रैक खाली, सियासत का लगा 'मोर्चा' जागरण संवाददाता,गुरदासपुर : कृषि विधेयक के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ किसान भड़क उठे हैं। शनिवार को किसानों ने शहर में रोष मार्च निकालने के बाद काहनूवान रोड पर रेलवे ट्रैक जाम करके अनिश्चितकालीन धरना लगा दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा। हालांकि ट्रेनें बंद हैं। फिर भी किसानों ने रेलवे ट्रैक पर ही धरना देना सही समझा। सड़कें जाम करने से आमजन को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। इसके चलते किसानों ने लोगों को समस्या न आए इसलिए शांतमय ढंग से रेलवे ट्रैक पर धरना शुरू किया है। हालांकि देर शाम छह बजे धरना उठा लिया।

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किसान नेता सविदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि बिल पास करके किसानों के अधिकारों पर डाका डाला है। किसानों को प्राइवेट कंपनियों के हाथों में सौंप कर किसानों से उनकी सारी पावर छीन ली गई है। केंद्र की मोदी सरकार किसान विरोधी सरकार साबित हुई है। उन्होंने कहा कि किसान अपना हक लेने के लिए हर संभव प्रयास करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद रखेंगे। किसान जो देश का अन्नदाता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे सड़कों पर लाकर खड़ा दिया है। किसान जो अपनी फसल बीजकर सभी का पेट भरता है। केंद्र सरकार ने उसी के पेट पर लात मार दी है। किसान पहले से ही कर्जे और मौसमी मार से फसलें बर्बाद होने के कारण आत्महत्या करने को मजबूर हो चुका है। वहीं केंद्र सरकार के इस कृषि बिल ने किसानों के लिए मौत का वारंट जारी कर दिया है। किसान इतनी जल्दी डरने वालों में से नहीं है। अपने हकों के लिए लड़ेंगे और तब तक लड़ते रहेंगे जब तक उन्हें अपना हक नहीं मिल जाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के सभी कारोबार और सरकारी काम प्राइवेट कंपनियों के हाथों में सौंप दिए हैं। यदि अब भी देश के लोगों की आंखें नहीं खुली तो आने वाले दिनों में बहुत भयानक दिन देखने पड़ेंगे। इस मौके पर किसान जसबीर सिंह,हरविदर सिंह, हरदीप सिंह,प्रेम सिंह, गुरविदर सिंह, सुरजीत सिंह, राम मूर्ति,गुरविदर सिंह बाजवा आदि उपस्थित थे। ट्रैक पर पक्के तंबू गाड़े

कृषि विधेयक के विरोध में किसानों ने रेलवे ट्रैक पर पक्के तंबू गाड़ दिए हैं। किसानों का कहना है कि उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा। जब तक केंद्र सरकार अपना बिल रद नहीं करती। उन्होंने कहा कि रेलवे ट्रैक पर किसान 29 सितंबर तक लगातार दिन रात धरना देंगे। यदि इन दिनों में बिल रद नहीं होता तो किसान अपने संघर्ष का अगला प्लान तैयार करेंगे। किसानों के दिलों में उगल रही आग अब तभी बुझेगी,जब कृषि विधेयक बिल रद होगा।

किसानों की मुख्य मांगें

-पास किए गए कृषि व बिजली बिलों पर पुनर्विचार करना चाहिए।

-वादे के अनुसार सरकार को स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करनी चाहिए।

गेहूं,धान समेत सभी फसलों की खरीद मूल्य जारी करके खरीद की गारंटी दी जाए।

गन्ने का बकाया 681 करोड़ रुपये राशि जारी व्याज समेत की जाए।

डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर नकेल कसी जाए।


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