नहीं मान रहे किसान, बेखौफ जला रहे नाड़
बटाला (गुरदासपुर) जिले में फसल की कटाई के बाद उसके अवशेष (नाड़) को आग लगाने का सिलसिला थम नहीं रहा है।
विनय कोछड़.बटाला (गुरदासपुर): जिले में फसल की कटाई के बाद उसके अवशेष (नाड़) को आग लगाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। अब तक नाड़ जलाने वाले 752 किसानों के खिलाफ कृषि विभाग की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। कृषि विभाग के मुताबिक जिले में पौने दो लाख हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल की बिजाइ की गई है। हालांकि विभाग ने किसानों को नाड़ नही जलाने के लिए कई प्रकार के नुक्कड़ नाटक से जागरूक भी किया, मगर इन पर कोई असर नहीं हुआ और नाड़ को आग लगाने का सिलसिला अब तक नहीं थम रहा है। उधर विभाग की मानें तो किसान आसान तरीका अपनाने के खातिर नाड़ को जलाने का काम करते हैं। उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं है कि नाड़ को आग लगाने से कइ जहरीली गैसें वातारण में मिश्रित हो रही हैं और उसकी जमीन की उपजाऊ शाक्ति भी कम हो रही है। 15 अधिकारियों की टीम कर रही काम विभाग के मुताबिक 15 अधिकारियों की टीम तथा कर्मचारियों की जिला गुरदासपुर में किसानों को नाड़ को आग न लगाने से रोकन के लिए नियुक्त की है। टीम हर ब्लॉक स्तर पर कार्य कर रही है। उन्हें स्पेशल हिदायतें दी गई हैं कि नाड़ को आग लगाने वाले किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए। इस साल अभी तक नाड़ जलाने के आरोप में 752 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
पिछले साल के मुकाबले बढ़े केस विभाग की सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक नाड़ जलाने के पिछले साल के मुकाबलें इस साल केस बढ़े हैं। इसके पीछे विभाग किसानों का नाड़ को जलाना आसान तरीका अपनानें का कारण मानता है। पिछले साल नाड़ जलाने के आरोप में किसानों के खिलाफ 589 मामले दर्ज हुए थे। जागरूकता कैंप का नहीं हुआ असर विभाग ने दावा किया कि इस बार किसानों को नाड़ नहीं जलाने के लिए 50 के करीब जागरूकता कैंप लगाए। उन्हें इसके दुष्प्रभाव भी बताए गए, मगर इन सबके बावजूद किसानों पर इसका कोई असर नहीं दिखा।