गन्ना की बकाया राशि नहीं देने पर किसान उग्र
गन्ना की बकाया राशि का भुगतान नहीं होने से किसानों ने कीड़ी मिल अफगाना के बाहर शुक्रवार दोपहर एक बजे धरना लगा दिया।
जागरण टीम, बटाला, काहनूवान : गन्ना की बकाया राशि का भुगतान नहीं होने से किसानों ने कीड़ी मिल अफगाना के बाहर शुक्रवार दोपहर एक बजे धरना लगा दिया। किसानों ने मिल प्रबंधक कमेटी व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर खूब भड़ास निकाली। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के पंजाब प्रधान सतनाम सिंह ने कहा कि तीन साल से चड्ढा शुगर मिल मैनेजमेंट द्वारा 45 करोड़ की राशि रोक रखी है। किसानों को घर चलाने में मुश्किल हो रही हैं।
गुरप्रीत सिंह, सोहन सिंह गिल, गुरपताप सिंह ने कहा कि पंजाब में गन्ने का भुगतान 250 करोड़ से अधिक हो गया है मगर मिल की ओर से अभी तक 2018-19 और 2019-20 के लिए 45 करोड़ की शेष राशि जारी नहीं की गई। इस दौरान किसान नेताओं ने उच्च न्यायालय के आदेश पर 15 प्रतिशत ब्याज के साथ 14 दिन के बाद गन्ने का बकाया तत्काल जारी करने की मांग की। मौके पर हरदीप सिंह गोराया, अशोक वधन, अजीब सिंह, हरबिदर सिंह खुजाला, जसबीर सिंह, परमजीत सिंह चीन, मनिदर सिंह, सुखचैन सिंह, कुलदीप सिंह बेगोवाल, सतनाम सिंह, परमजीत सिंह चीन, मनिदर सिंह, सुखन सिंह भट्टी, सुरजीत सिंह मौजूद थे।
पांच करोड़ अभी मिले, बाकी के छह हफ्ते में देने का आश्वासन
उधर, डीसी मोहम्मद इशफाक तुरंत धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को धरना उठाने के लिए कहा मगर किसान मांगों पर उड़े रहे। इसके चलते डीसी ने किसानों की बैठक मिल प्रबंधकों से करवाई। इसमें 45 में से पांच करोड़ तुरंत जारी करने पर सहमति बनी। इसके साथ ही प्रबंधकों ने आश्वासन दिया कि छह सप्ताह में बाकी राशि भी जारी कर दी जाएगी। इसी बीच डीसी ने दो टूक कहा कि अगर तय समय में किसानों को पैसे नहीं मिले तो मिल प्रबंधकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोरोना संकट को ठहराया जिम्मेदार
मिल प्रबंधक वाइपी सिंह ने माना कि अब तक किसानों का 45 करोड़ रुपये देना है, मगर शूगर की बिक्री न होने व कोरोना संकट के चलते यह परेशानी आ रही है। जब उन्हें बताया गया कि दूसरी शूगर मिलों की ओर से बकाए अदा किए जा चुके हैं, तो इस पर उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।