परिवार कर रहा था बेटे के आने का इंतजार, आइ मौत की खबर
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : धर्मशाला कैंट में तैनात नायक हरपाल ¨सह की मैकलोडगंज में म
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : धर्मशाला कैंट में तैनात नायक हरपाल ¨सह की मैकलोडगंज में मौत की सूचना जैसे ही उसके पुश्तैनी गांव थुंडी में पहुंची, तो क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। करीब छह माह पहले केवल एक दिन की छुट्टी काटकर ड्यूटी पर जाने के बाद परिवार अब उसके आने का इंतजार कर रहा था, लेकिन किसी ने यह सोचा भी नहीं था कि हरपाल ¨सह नहीं, बल्कि उसकी मौत की खबर आएगी। सूचना मिलते ही हरपाल ¨सह के पिता पूर्व सैनिक तरसेम ¨सह धर्मशाला के लिए रवाना हो गए हैं। सोमवार को देर रात हरपाल ¨सह की पार्थिव देह उसके गांव में लाई जाएगी। जहां पर उनका सरकारी सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
नायक हरपाल ¨सह साल 2000 में भारतीय सेना की 18 सिख रेजीमेंट में भर्ती होकर देश की सेवा में जुट गए थे। उनके पिता तरसेम ¨सह भी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनका एक भाई बिक्रमजीत ¨सह था। जिसकी करीब चार साल पहले बीमारी के कारण मौत हो गई थी। जिसके बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी हरपाल ¨सह के कंधों पर आ गई थी। परिवार में उनके पिता तरसेम ¨सह, माता भजन के अलावा पत्नी रू¨पदर कौर और बेटा सहजप्रीत ¨सह (11) और अवनीत ¨सह (6) साल शामिल हैं। हरपाल ¨सह के चाचा के बेटे सुख¨वदर ¨सह व रिश्तेदार सुरजीत ¨सह ने बताया कि उन्हें रविवार देर रात सूचना मिली थी कि हरपाल ¨सह को गोली लगी है। जिसके चलते उसके पिता तुरंत धर्मशाला के लिए रवाना हो गए। जहां पहुंचकर उन्हें पता चला कि उसके साथ जवान द्वारा ही उसे गोली मार दी गई है, जिसके चलते उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। पूरा नहीं हुआ नए घर में रहने का अरमान
हरपाल ¨सह ने परिवार के लिए गांव में ही एक नया घर बनाया था। जिसका काम अब पूरा हो चुका है। करीब छह माह पहले जब हरपाल ¨सह गांव आया, तो केवल एक दिन की छुट्टी काटकर ही वापस लौट गया। जिसके चलते उसका अपने नए घर में रहने का अरमान पूरा नहीं हो सका। अब परिवार की ओर से उसके आने का इंतजार किया जा रहा था, ताकि वह अपने परिवार के साथ लंबी छुट्टी बिताए। लेकिन किसी ने सोचा भी नहीं था कि अचानक उसकी मौत की खबर पहुंचेंगी। सूचना मिलते ही क्षेत्र में शोक की लहर
जैसे ही हरपाल ¨सह की मौत की खबर घर पहुंची, तो पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। गांव के लोग व रिश्तेदार परिवार के साथ हमदर्दी व्यक्त करने के लिए उनके घर पहुंचने लगे। हरपाल ¨सह की पत्नी रू¨पदर कौर और मां भजन कौर तो जैसे अपनी शुद्ध-बुध ही खो चुकी थी। लोग उन्हें कई तरह से दिलासे दे रहे थे, लेकिन वह पत्थर की तरह नजर आ रही थीं। मामले की होनी चाहिए गंभीरता से जांच : कुंवर रविंदर
शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर र¨वदर ¨सह विक्की का कहना है कि उक्त मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए। ऐसे मामलों से अक्सर देश की सुरक्षा में तैनात सैनिकों के मनोबल पर असर पड़ता है। इसलिए इस मामले का खुलासा होना बहुत जरूरी है, ताकि सैनिकों में विश्वास बना रहे।