नेशनल हेल्थ मिशन की हड़ताल 14 को, बंद रहेंगी सेहत सेवाएं
पंजाब सरकार के रवैये से तंग आकर नेशनल हेल्थ मिशन ने 14 अप्रैल को हड़ताल करने का फैसला लिया है।
संवाद सहयोगी, गुरदासपुर
पंजाब सरकार के रवैये से तंग आकर नेशनल हेल्थ मिशन ने 14 अप्रैल को हड़ताल करने का फैसला लिया है।
नेशनल हेल्थ मिशन इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डा. इंद्रजीत सिंह राणा ने बताया कि नेशनल हेल्थ मिशन में आउटसोर्स कर्मचारियों सहित नौ हजार कर्मचारी 2008 से बहुत ही कम वेतन पर ठेके पर काम कर रहे हैं। पिछले साल कोविड-19 की शुरुआत के दौरान सेहत मंत्री पंजाब बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा था कि कोरोना की जंग में कम वेतन में भी जूझने वाले इन कर्मचारियों की सेवाएं रेगुलर करके इन्हें रेगुलराइजेशन का ईनाम दिया जाएगा, मगर अभी तक इनकी सेवाएं न तो रेगुलर हुई है और न ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक बराबर काम बराबर वेतन दिया जा रहा है। जबकि हरियाणा सरकार 2018 से नेशनल हेल्थ मिशन के कर्मचारियों को पूरा वेतन दे रही है। पंजाब सरकार के इस रवैये से तंग आकर नेशन हेल्थ मिशन के कर्मचारियों ने इस महीने हड़ताल पर जाने का फैसला कर लिया है। नेशनल हेल्थ मिशन अधीन काम करते कर्मचारियों द्वारा हड़ताल के दौरान वैक्सीनेशन का बायकाट किया जाएगा और इमरजेंसी सेवाएं बिल्कुल बंद कर दी जाएंगी। सीपीएफ कर्मचारी यूनियन ने बाजवा को ज्ञापन सौंपा इधर, पुरानी पेंशन बहाल करवाने की मांग को लेकर सीपीएफ कर्मचारी यूनियन ने जिला प्रधान पुनीत सागर के नेतृत्व में कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिदर सिंह बाजवा को मांग पत्र सौंपा गया।
पुनीत सागर ने बताया कि पुराने समय में किए संघर्ष के दबाव के चलते पंजाब सरकार द्वारा पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने के लिए दो साल पहले बनाई कैबिनेट मंत्रियों की सब कमेटी की अब तक कारगुजारी शून्य रही है। पेंशन मुलाजिमों का अधिकार है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए कार्रवाई नहीं की तो आगामी समय में संघर्ष को और तेज किया जाएगा। इस मौके पर अरविद शर्मा, अजय कुमार, मुकेश वर्मा, प्रदीप कुमार, विपन कुमार, जसबीर सिंह समरा, पलविदर, मोहित गुप्ता आदि उपस्थित थे।