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150 पुरानी इमारत में जान हथेली पर रख काम कर रहे निगम कर्मी

जर्जर इमारतों के मालिकों को उन्हें गिराने के नोटिस देकर वाहवाही लूटने वाले नगर निगम बटाला की अपनी खुद की इमारत को बने 150 साल से अधिक हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 09:59 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 09:59 PM (IST)
150 पुरानी इमारत में जान हथेली पर रख काम कर रहे निगम कर्मी
150 पुरानी इमारत में जान हथेली पर रख काम कर रहे निगम कर्मी

संजय तिवारी,नरेश भनोट, बटाला

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जर्जर इमारतों के मालिकों को उन्हें गिराने के नोटिस देकर वाहवाही लूटने वाले नगर निगम बटाला की अपनी खुद की इमारत को बने 150 साल से अधिक हो चुके हैं। निगम दफ्तर के अधिकतर कमरे खस्ताहाल हैं। उनकी छतों पर उगी घास अपने हालात खुद बयां कर रहे हैं। अंग्रेजों के जमाने में बनी इस इमारत के रिकॉर्ड रूम में अरबी भाषा में लिखा गया रिकॉर्ड धूल चाटते हुए नजर आता है।

बरसात के दिनों में नगर निगम के अधिकतर कमरों की छतों से पानी टपकना आम बात है। कई कमरों की छत में लकड़ी के बाले लगे होने से उनमें दीमक लग चुकी है और वे जर्जर अवस्था में पहुंच चुके हैं। उनके नीचे बैठे कर्मचारी जान जोखिम में डालकर काम करते नजर आते हैं।

बरसात में कर्मचारियों को काम करना मुश्किल

नगर निगम परिसर में घुसते ही बाएं ओर कमरे में चल रहे जन्म-मरण प्रमाण पत्र विभाग के इंचार्ज सेहत विभाग के बलजीत सिंह ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि इस उमस भरे वातावरण में तीन यूपीएस के बीच एक पंखे के नीचे तीन चार कर्मियों के साथ काम करना आसान नहीं है। रही-सही कसर बरसात के दिनों में इस कमरे की टपकती हुई छत निकाल देती है। 11

15 विभागों के कर्मचारी करते हैं काम

नगर निगम बटाला के पूर्व अध्यक्ष नरेश महाजन ने बताया कि उनके कार्यकाल में नगर निगम की इस बिल्डिग का 150वां स्थापना दिवस मनाया गया था। फायर ब्रिगेड, सैनेटरी विभाग, जन्म-मरण प्रमाण पत्र, लेखा-जोखा विभाग, प्रॉपर्टी टैक्स, हाउस टैक्स, प्रॉपटी टैक्स जैसे 15 विभाग इस बिल्डिग में काम करते हैं। एमई अकाउंट जैसे 15 अलग-अलग विभाग इस बिल्डिग के विभिन्न कमरों में काम करते हैं। इनके कर्मचारियों की संख्या लगभग 100 के करीब है। 13 रिकॉर्ड को बारिश से बचाने के लिए करनी पड़ती है मशक्कत

नगर निगम में क्लर्क पद पर तैनात राजेश जब्बा ने बताया कि बरसात के दिनों में हम रिकॉर्ड उठाकर अलग-अलग कमरे में जाते हैं। हमारे पास 1900 के आसपास का अरबी में लिखा हुआ भी रिकॉर्ड पड़ा है, जिसकी हालत काफी खस्ता हो चुकी है। 14

बरसात होने पर टपकती हैं छतें : सुखपाल कौर

सहायक रजिस्ट्रार सहकारी सेवाओं में सुपरिटेंडेंट के पद पर तैनात मैडम सुखपाल कौर ने बताया कि बरसात के दिनों में बिना लेंटर वाली छतों के नीचे काम करना नामुमकिन सा हो जाता है। हमारे विभाग के कई कमरों की छत मे लकड़ी के बाले लगे हुए हैं। इनकी हालत बहुत ही खस्ता हो चुकी है। उच्च अधिकारियों को इस ओर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। जान हथेली पर रख कर करते हैं काम : संजीव कुंद्रा

सहायक रजिस्ट्रार ऑफिस में तैनात एआरओ संजीव कुंद्रा का कहना है कि बरसात के दिनों में उनका सारा ध्यान खंडहर हो चुकी छतों पर टिका रहता है। काम करते वक्त मन में बेचैनी सी छाई रहती है कि कहीं कोई अनहोनी ना हो जाए। इसलिए उच्च अधिकारियों को नगर निगम के खस्ता हालत कमरों की ओर तुरंत ध्यान देना चाहिए।

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नगर निगम की खस्ता हालत विभिन्न छतो की खस्ता हालत के बारे जब नगर निगम के कमिश्नर बलविदर सिंह से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि सारी बिल्डिग की रिपेयर के लिए 40 लाख रुपए का टेंडर पास कर दिया गया है। निगम के पास पैसा आने की सूरत में बहुत जल्द इसकी रिपेयर करवा दी जाएगी। बिल्डिग की निर्माण अवधि डेढ़ सौ वर्ष पूर्व बताने पर कमिश्नर बलविदर सिंह ने जानकारी देने के लिए दैनिक जागरण का धन्यवाद भी जताया।

-बलविंदर सिंह, कमिश्नर, नगर निगम।


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