स्टाफ की कमी से नवजात बच्चों के टीकाकरण को लेकर मारामारी
बुधवार को पुराने सिविल अस्पताल में स्टाफ कम होने के कारण नवजात बच्चों के टीकाकरण के लिए मारामारी देखने को मिली।
राजिदर कुमार, गुरदासपुर
बुधवार को पुराने सिविल अस्पताल में स्टाफ कम होने के कारण नवजात बच्चों के टीकाकरण के लिए मारामारी देखने को मिली। कई महिलाएं अपने बच्चों को सेंटर के अंदर टीका लगवाने के लिए जबरदस्ती घुस गई जबकि अधिकांश महिलाएं अपने बच्चों को गोद में उठाए लाइन में लगी रहीं। अंतत अधिकांश महिलाएं अपने बच्चों को टीका लगवाए बिना ही बैरंग वापस लौट गईं।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से अधिकांश स्टाफ की ड्यूटी कोरोना की रोकथाम के लिए सैंपलिग व कोरोना वैक्सीन पर लगा दी गई है। इस कारण नवजात बच्चों के टीकाकरण के लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में बनाए गए विभिन्न सब सेंटर स्टाफ की कमी से बंद हो गए हैं। इसके चलते जिले भर के ग्रामीण व शहरी एरिया से संबंधित महिलाएं अपने नवजात बच्चों को लेकर गुरदासपुर के पुराने सिविल अस्पताल में टीकाकरण के लिए आ गई। यहां भी बच्चों के टीकाकरण के लिए मात्र दो स्टाफ सदस्यों की ही ड्यूटी लगाई हुई थी। जबकि अस्पताल में भारी संख्या में महिलाएं बच्चों को गोद में उठाए लाइन में लग गईं।
उधर दोनों स्टाफ सदस्यों ने फरमान देते हुए कहा कि वे उन्हीं महिलाओं के बच्चों को टीका लगाएंगे, जो पहले से यहां से करवाते हैं। जबकि जो महिलाएं अन्य सेंटरों से अपने बच्चों को टीका लगाते हैं, वे वहीं से अपने बच्चों को टीका लगवाएं, क्योंकि उनके नाम यहां पर पंजीकृत नहीं हैं। इसके बाद टीकाकरण को लेकर मारामारी देखने को मिली। अधिकांश महिलाएं धक्के से टीकाकरण रूम में घुस गई और अपने बच्चों का पहले टीकाकरण करने को लेकर बोलने लगीं। इस दौरान अधिकांश महिलाओं ने मुंह पर मास्क नहीं पहन रखे थे और न ही शरीरिक दूरी बना रखी थी। जिले में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि जिला स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अधिकांश स्टाफ की ड्यूटी सैंपलिग व कोरोना वैक्सीन पर लगा दी है, ताकि कोरोना की रोकथाम की जा सके। मगर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुधवार को नवजात बच्चों को लगाए जाने वाले टीकाकरण को लेकर कोई अग्रिम तैयारी नहीं की गई। इस कारण हालात यह बन गए। जैसे महिलाओं की भीड़ इकट्ठी हुई थी, इससे कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है। वहीं नवजात बच्चों को भी कोरोना का खतरा होने का अंदेशा है।
जानकारी के मुताबिक एक बच्चे को टीका लगाने में करीब पांच से सात मिनट का समय लगता है। वहीं अस्पताल में बड़ी संख्या में महिलाएं टीका लगवाने के लिए आई हुई थीं। अन्य सेंटरों पर पंजीकृत बच्चों को टीका नहीं लगा। इस करीब 200 महिलाएं बच्चों को टीका लगवाए बिना ही वापस बैरंग लौट गई। बच्चों के टीकाकरण के लिए ज्यादा स्टाफ की ड्यूटी लगाई जाएगी : डा. मनचंदा
जिला टीकाकरण अधिकारी डा. अरविद मनचंदा का कहना है कि बच्चों के टीकाकरण में परेशानी नहीं होनी दी जाएगी। कोरोना सैंपलिग व वैक्सीनेशन में अधिकांश स्टाफ की ड्यूटी लगी होने के कारण यह स्थिति बनी है। उन्होंने कहा कि स्टाफ की नवजात बच्चों के टीकाकरण के लिए ड्यूटी लगा दी जाएगी। सभी बच्चों का टीकाकरण करवाया जाएगा। समस्या का हल करवा देंगे : सीएस
सिविल सर्जन डा. विजय कुमार बैंस से मामले संबंधी बात की तो उन्होंने कहा कि मामला उनके ध्यान में आ गया है। वे जल्द ही समस्या का हल करवा देंगे।ो