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स्वच्छ भारत के सपने पर लगा ग्रहण, दीनानगर में सार्वजनिक शौचालयों की दरकार

देश को आजाद हुए 75 वर्षो से ज्यादा का समय हो गया लेकिन आज भी दीनानगर शहर के लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 03:06 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 03:06 PM (IST)
स्वच्छ भारत के सपने पर लगा ग्रहण, दीनानगर में सार्वजनिक शौचालयों की दरकार
स्वच्छ भारत के सपने पर लगा ग्रहण, दीनानगर में सार्वजनिक शौचालयों की दरकार

शंकर श्रेष्ठ, दीनानगर

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देश को आजाद हुए 75 वर्षो से ज्यादा का समय हो गया, लेकिन आज भी दीनानगर शहर के लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। जहां एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वच्छ भारत का सपना देख रहे हैं, वहीं स्थानीय कैबिनेट मंत्री के कार्यकाल के पांच वर्ष पुरे होने के बावजूद भी शहर में सार्वजनिक शौचालयों की दरकार एक बहुत बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर रही है।

शहरवासी अमित, बिट्टू, पवन, भूपिदर, नरिदर, राजेश, सुमित, चेतन, जुगल, कमलजीत, सुरेंद्र कुमार, नितेश, कमला देवी, विमला, शिवानी, सर्बजीत कौर, तरसेम लाल ने कहा कि दीनानगर एक प्राचीन शहर है तथा हर रोज यहां बड़ी संख्या में लोग आते है। दीनानगर के आसपास करीब 500 के करीब गांव पड़ते हैं, जहां से हर रोज बड़ी संख्या में स्कूल कालेज के विद्यार्थियों के अलावा अन्य लोग शहर आते हैं। शहर में सार्वजनिक शौचालय की बात करें तो सिर्फ बस स्टैंड में एक ही है, जिसकी अगर हालात की बात करें तो पानी की उचित निकासी न होने के कारण पिछले तीन महीने से ज्यादा समय से बंद पड़ा है। अगर कभी कौंसिल द्वारा खोला भी जाता है तो सफाई न होने के कारण शौचालय में जाना भी दूभर है। सुविधाओं की बात करें तो देश को आजाद हुए 75 वर्षो के बाद भी शहर आज तक मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहा है। इसका मुख्य कारण नेताओं की अनदेखी है। सार्वजनिक शौचालय न होने के कारण शहरवासियों को शर्मिदगी महसूस होती है। सार्वजनिक शौचालय न होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

शहर में चार मुख्य सड़के हैं। इनमें तारागढ़ रोड, बहरामपुर रोड, कलिजपुर रोड तथा चोंता रोड शामिल हैं। इन सभी सड़कों पर शौचालय है ही नहीं। जबकि सबसे ज्यादा आवाजाही शहर के अलावा इन सड़कों पर है। सबसे ज्यादा परेशान होती हैं महिलाएं

सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है, क्योंकि खरीदारी करने के लिए उनको गांव से शहर आना पड़ता है, लेकिन शौचालय न होने के कारण काफी परेशानी होती है। इस समस्या से कौंसिल के अधिकारी, विधायक आंखें मूंद कर बैठे हैं। पिछली सरकारो ने तो कुछ नहीं किया। लेकिन, मौजूदा सरकार में करीब पांच साल कैबिनेट मंत्री रहने के बाबजूद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जबकि उनको इस पर ध्यान पहल के आधार पर देना चाहिए था। नगर कौंसिल में पांच साल रहा भाजपा का कब्जा

एक तरफ देश के प्रधानमंत्री घर-घर नि:शुल्क शौचलय बनाकर भारत को खुले में शौच मुक्त करवाना चाहते है। दीनानगर नगर कौंसिल में पिछले पांच वर्षो से भाजपा का कब्जा था। उसके बावजूद भी प्रधानमंत्री मोदी के खुले में शौच मुक्त भारत के सपने को पंख नहीं लगे। पिछले एक वर्ष से कौंसिल में कांग्रेस का कब्जा है। इससे साफ होता है कि हलके की कैबिनेट मंत्री सहित कौंसिल के प्रधान व अधिकारी अपने कार्यो को लेकर कितना सचेत हैं। जल्द बनाए जाएंगे शौचालय

डीसी इस संबंध में डीसी मोहमद इशफाक ने कहा कि शहर तथा इलाके में सार्वजनिक शौचालय जल्द बनाए जाएंगे। लोगों की समस्याओं को पहल के आधार पर हल करवाना उनका फर्ज है। वहीं सबंधित नगर कौंसिल के अधिकारियों से भी बात करेंगे तथा शहर में जल्द सार्वजनिक शौचालय बनाए जाएंगे।


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