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सियासी दबाव में अकालियों पर किए गए केस, नहीं करवाएंगे जमानत : बब्बेहाली

शिअद के 178 नेताओं और वर्करों पर केस दर्ज होने पर शिअद के जिला प्रधान गुरबचन सिंह बब्बेहाली ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 05:04 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 05:04 PM (IST)
सियासी दबाव में अकालियों पर किए गए केस, नहीं करवाएंगे जमानत : बब्बेहाली
सियासी दबाव में अकालियों पर किए गए केस, नहीं करवाएंगे जमानत : बब्बेहाली

जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : शिअद के 178 नेताओं और वर्करों पर केस दर्ज होने पर शिअद के जिला प्रधान गुरबचन सिंह बब्बेहाली ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस ने कांग्रेस सरकार के दबाव में अकाली वर्करों व नेताओं को डराने के लिए झूठे पर्चे किए हैं, लेकिन वे डरने वाले नहीं है। पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल के आदेशों पर पेट्रोल व डीजल के बढ़ते दामों के खिलाफ प्रदर्शन किए गए थे। प्रदर्शन के दौरान शारीरिक दूरी व मास्क का पूरा ध्यान रखा गया था। बब्बेहाली शुक्रवार को अपने निवास पर प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि उक्त पर्चे पूरी तरह से गलत दर्ज हुए हैं, जोकि रद होने चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उक्त पर्चे रद नहीं किए जाएंगे तो अकाली दल का कोई भी नेता या वर्कर अपनी जमानत नहीं करवाएगा। अगर पुलिस ने वर्करों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया तो वे एक साथ सभी गिरफ्तारियां देंगे। उन्होंने कहा कि इस समय पेट्रोल व डीजल की कीमतें बहुत बढ़ चुकी हैं। उन्होंने सरकार के समक्ष यह मांग उठाई थी कि पेट्रोल व डीजल पर वेट कम किया जाए। इसके अलावा गरीब लोगों को मिलने वाले आटा दाल स्कीम से वंचित करते हुए उनके कार्ड काट दिए गए हैं। राजनीतिक आधार पर दर्ज किए जाने वाले झूठे मामले बंद होने चाहिए आदि मांगें उठाई गई थीं। इसे लेकर कांग्रेस सरकार ने पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाकर अकाली नेताओं पर झूठे मामला दर्ज करवा दिए। उनके साथ पर्चे में शामिल जतिदर पाल सिंह पप्पा, गुरइकबाल सिंह माहल, महिदर सिंह सिधवां व लखविदर सिंह घुम्मणकलां के अलावा मिल्क प्लांट गुरदासपुर के पूर्व चेयरमैन एडवोकेट अमरजोत सिंह बब्बेहाली, इम्प्रुवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन सतीश कुमार आदि उपस्थित थे। कानून की धज्जियां उड़ाने वाले कांग्रेस नेताओं पर नहीं की गई कोई कार्रवाई

बब्बेहाली ने कहा कि उन्होंने अपने प्रदर्शनों के दौरान जिला प्रशासन की हिदायतों का पूरी तरह से पालन करते हुए शारीरिक दूरी बनाए रखी थी और मास्क भी पहने हुए थे। जबकि पिछले दिनों में कांग्रेस के मंत्रियों व विधायकों द्वारा किए गए कार्यक्रमों के दौरान शारीरिक दूरी व मास्क पहनने के कानून की सरेआम धज्जियां उड़ाई गई, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने मीडिया के समक्ष कांग्रेस के कई मंत्रियों व विधायकों की भीड़भाड़ वाली फोटो भी पेश की। सरकार ने आवाज दबाने का प्रयास किया

बब्बेहाली ने कहा कि अकाली दल ने जनहितों मुद्दों को उठाया था। लेकिन सरकार ने उनका समाधान करने की बजाए उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया। इसकी वे कड़े शब्दों में निदा करते हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो वे पांच-सात हजार लोगों को साथ लेकर थाने में जाएंगे। भले ही उन पर फिर से मामला दर्ज कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि उक्त मामले में किसी भी सूरत में जमानत नहीं करवाएंगे। भले ही जिला प्रशासन उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि विभिन्न संगठनों द्वारा आए दिन रोष प्रदर्शन किए जाते हैं, लेकिन अकाली दल के खिलाफ राजनीतिक रंजिश के तहत कार्रवाई की गई।


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