धरने पर रहे डाक्टर, परेशान होते रहे मरीज
निजी अस्पताल में इलाज के दौरान महिला की मौत का मामला लगातार गर्माता जा रहा है।
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : निजी अस्पताल में इलाज के दौरान महिला की मौत का मामला लगातार गर्माता जा रहा है। ज्ञात रहे कि निजी अस्पताल में महिला की मौत के बाद थाना सिटी की पुलिस ने डाक्टर एचएस भाटिया, डा. मनजीत सिंह बब्बर और डाक्टर साहिन के खिलाफ धारा 304 के तहत केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। वीरवार को जहां जिले के डाक्टरों ने ओपीडी व इमरजेंसी सेवाएं ठप रख रोष जताया था, वहीं शुक्रवार को आइएमए से संबंधित सभी डाक्टरों ने निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद कर सिविल अस्पताल में धरना लगाया। इस दौरान पुलिस प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ रोष जताया गया। उधर, सिविल अस्पताल के डाक्टर भी धरने पर बैठे रहे, जिसके चलते अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
आइएमए ने घोषणा की है कि जब तक डाक्टरों के खिलाफ दर्ज मामले में धाराएं बदली नहीं जातीं, तब तक जिले के निजी डाक्टर ओपीडी सेवाएं ठप रखेंगे। आइएमए के जिला प्रधान डा. बीएस बाजवा ने कहा कि पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के खिलाफ डाक्टरों पर मामला दर्ज किया गया है। डाक्टरों के साथ पुलिस का ऐसा व्यवहार बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि जब तक पुलिस उक्त मामले में धाराएं बदलकर डाक्टरों को रिहा नहीं करती, तब तक ओपीडी बंद रखी जाएगी। इस संघर्ष में मेडिकल स्टोर मालिकों और लेबोरटरी टेक्शियनों का भी समर्थन लिया जाएगा। 8,9
मरीज बोले-दो दिनों से हो रहे हैं परेशान
उधर, सिविल अस्पताल में पहुंचे दिलबाग सिंह ने बताया कि उनके पास काम कर रहे मजदूर को चोट लग गई थी। वे उसे डाक्टर से चेक कराने लाए थे, लेकिन कोई डाक्टर नहीं मिला। डेरा बाबा नानक से पहुंचे जसवंत सिंह ने बताया कि डोप टेस्ट के फार्म पर डाक्टर से साइन कराने थे, लेकिन नहीं हो पाए। अब उन्हें बेवजह जुर्माना भुगतना पड़ेगा। हरजीत सिंह व गुरदर्शन सिंह ने बताया कि उन्हें भी डोप टेस्ट के फार्म पर साइन कराने थे, लेकिन दो दिन से हड़ताल के कारण कोई काम नहीं हो पा रहा।