चुनाव में 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकते हैं उम्मीदवार
संवाद सहयोगी बटाला चुनाव आयोग पंजाब विधानसभा चुनाव-2022 केचुनाव आयोग पंजाब विधानसभा चुनाव-2022 के दौरान चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के चुनावी खर्च पर कड़ी नजर रखेगा। दौरान चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार
संवाद सहयोगी, बटाला : चुनाव आयोग पंजाब विधानसभा चुनाव-2022 के दौरान चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के चुनावी खर्च पर कड़ी नजर रखेगा। एक प्रत्याशी अपने प्रचार पर अधिकतम 40 लाख रुपये खर्च कर सकेगा। यह जानकारी देते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी मोहम्मद इशफाक ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग चुनाव में उम्मीदवारों द्वारा किए जाने वाले अत्यधिक खर्च को कम करने के लिए विभिन्न उपाय कर रहा है।
उन्होंने कहा कि चुनाव के लिए आवश्यक रैलियों, प्रचार सामग्री, विज्ञापनों, वाहनों और अन्य विविध कार्यो पर उम्मीदवार द्वारा किए गए सभी खर्चो का हिसाब होगा। इसके लिए उम्मीदवार को अपने नाम से या अपने चुनाव एजेंट के साथ एक संयुक्त बैंक या डाक खाता खोलना होगा। इसी खाते से प्रत्याशी चुनाव का सारा खर्च उठा सकेंगे। 10 हजार रुपये तक का भुगतान नकद में किया जा सकता है, जबकि अधिक राशि का भुगतान चेक से करना होता है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने संभावित उम्मीदवारों से अपील की कि चुनाव के दौरान किसी भी तरह के अवैध तरीके जैसे शराब और नशीली दवाओं का वितरण, नकद वितरण, उपहारों का वितरण आदि का सहारा न लें। चुनाव आयोग द्वारा उम्मीदवारों द्वारा किए गए खर्च की निगरानी के लिए विशेष व्यय मानिटर भेजे जाएंगे और स्थानीय स्तर पर टीमों का भी गठन किया गया है।
उम्मीदवारों द्वारा किए गए खर्च का विवरण दैनिक व्यय रजिस्टर में दर्ज करना होगा। वहीं चुनाव आयोग इतने ही खर्च को छाया रजिस्टर में दर्ज करेगा। दोनों रजिस्टरों की लागत का मिलान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नामांकन पत्र भरने से लेकर नतीजे आने तक सभी बिल व वाउचर अपने पास रखने होंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार सभी खर्चे दर्ज किए जाएंगे। व्यय मानिटर व्यक्तिगत रूप से पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान प्रत्येक उम्मीदवार के चुनाव व्यय रजिस्टर की तीन बार जांच करेंगे। उन्होंने सभी पार्टी प्रतिनिधियों से निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने की अपील की। उपायुक्त ने कहा कि जाति, धर्म, रंग और लालच के आधार पर वोट नहीं मांगे जा सकते। प्रत्येक राजनीतिक गतिविधि के लिए पूर्व स्वीकृति प्राप्त की जानी चाहिए। ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए, जिससे सामाजिक भाईचारे और सद्भाव का माहौल खराब हो।