बसें नहीं चलने से यात्री भटके, कूड़ा भी नहीं उठा
केंद्र और पंजाब सरकार की श्रमिक और किसान विरोधी नीतियों के विरोध में वीरवार को भारत बंद की सांकेतिक हड़ताल के कारण विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन कर धरना दिया।
संवाद सहयोगी, बटाला : केंद्र और पंजाब सरकार की श्रमिक और किसान विरोधी नीतियों के विरोध में वीरवार को भारत बंद की सांकेतिक हड़ताल के कारण विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन कर धरना दिया। इस कारण सफाई, यातायात, डाक आदि व्यवस्थाएं चरमरा गई। प्रदर्शन के कारण जालंधर रोड पर एक घंटे तक ट्रैफिक जाम भी रहा। ट्रैफिक पुलिस ने जाम में फंसी गाड़ियों को निकाल। रोडवेज की बसें नहीं चलने से अन्य शहरों को जाने वाले राहगीर परेशान हुए। शाम पांच बजे के बाद बसें चली। वहीं सड़कों से कूड़ा भी नहीं उठाया गया।
आल इंडिया ग्रामीण सेवक यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर मुख्य डाकघर में धरना-प्रदर्शन किया। वहीं पंजाब रोडवेज एक्शन कमेटी की ओर से शाम पांच बजे तक बसों का चक्का जाम कर पंजाब और केंद्र सरकार की निजीकरण पालिसी का विरोध किया गया। कर्मचारियों ने पिछले कई सालों से लगे कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने, पे कमीशन लागू करने, सरकारी महकमे कारपोरेट घराने को ना देने की मांग की। ऐसा ही प्रदर्शन नगर निगम की सफाई सेवक यूनियन एक्टू समेत विभिन्न श्रमिक संगठनों और विभिन्न किसान यूनियनों की ओर से किए गए। इनमें सैकड़ों की संख्या में इन संगठनों से जुड़े हुए पदाधिकारी और सदस्य शामिल थे। वहीं भरतीय कम्यूनिस्ट पार्टी लिबरेशन पंजाब कमेटी के वर्करों ने केंद्र सरकार के खिलाफ सुखा सिंह मेहताब चौक जालंधर रोड पर प्रदर्शन किया। किसानों का धरना जारी
संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : कृषि सुधार कानूनों को रद करवाने के लिए एक तरफ किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे है। वहीं दूसरी तरफ किसान अपने अपने स्थानों पर धरने पर डटे हुए हैं। वीरवार को किसानों ने 57वें दिन भी गुरदासपुर के रेलवे स्टेशन पर धरना जारी रखा। इस दौरान किसान नेता संतोख सिंह औलख, मक्खन सिंह कोहाड़, कपूर सिंह घुम्मण, लखविदर सिंह सोहल, सुखदेव सिंह बागडिय़ा, सुरिदर सिंह भोजा, महिदर सिंह, मंगत चंचल ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार कृषि को कारपोरेट घरानों को सौंपने में लगी हुई है। किसान ऐसा कभी नहीं होने देंगे।