Move to Jagran APP

किसानों की कैप्टन के नियमों को 'चुनौती', महारैली में हजारों किसान हुए शामिल

पंजाब सरकार ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए बुधवार शाम को रैली आदि आयोजित करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बावजूद वीरवार को बटाला की दाना मंडी में किसानों की महारैली आयोजित की गई। इसमें हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 10:02 PM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 10:02 PM (IST)
किसानों की कैप्टन के नियमों को 'चुनौती', महारैली में हजारों किसान हुए शामिल
किसानों की कैप्टन के नियमों को 'चुनौती', महारैली में हजारों किसान हुए शामिल

संवाद सहयोगी, बटाला : पंजाब सरकार ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए बुधवार शाम को रैली आदि आयोजित करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बावजूद वीरवार को बटाला की दाना मंडी में किसानों की महारैली आयोजित की गई। इसमें हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया। महारैली के दौरान कैप्टन अमरिदर सिंह के आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ी लेकिन सिविल व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने इसे नहीं रुकवाया। महारैली के दौरान अधिकांश किसानों ने मास्क का इस्तेमाल नहीं किया था और फिजिकल डिस्टेंस की भी खुलकर धज्जियां उड़ाई। हालांकि महारैली के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बटाला पुलिस ने व्यापक इंतजाम किए थे।

loksabha election banner

वीरवार को कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए किसानों, मजदूरों और व्यापारियों की तरफ से महारैली का आयोजन किया गया। महारैली में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गुरनाम सिंह चाढूनी ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को पारित करके केंद्र सरकार किसानों की आय को दोगुना करने का दावा कर रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि इन कानूनों के साथ किसानों की नही, बल्कि कारपोरेट घरानों की आमदन दोगुनी होगी। देश का किसान देश के विकास में 60 प्रतिशत का योगदान डालता आ रहा है। किसानों के सिर पर जो कर्जा है उससे चार गुणा ज्यादा कर्जा पूंजीपतियों के सिर पर है। वह विदेश भाग जा रहे हैं। उनको सरकारों की शह प्राप्त है। किसानों को दिल्ली में 130 दिन संघर्ष करते हुए हो गए हैं, पर कोई किसानों की बात नहीं पूछ रहा है। कानून रद होने के बाद ही धरना समाप्त होगा। बिना कानून वापस दिल्ली से किसान नहीं लौटेंगे : ढूडिके

संयुक्त मोर्चे के नेता निर्भय सिंह ढूडिके ने कहा कि मर जाएंगे,लेकिन कानून को रद करवाने के बिना वापस नही आएंगे। कुलवंत सिंह संधू प्रधान जम्हूरी किसान सभा ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब के साथ सौतेली मां वाली सलूक कर रही है। कहा कि कोई भी किसान कनक की खरीद समय जमाबंदी नही दिखाएगा। इस किसान महा रैली को नवदीप सिंह हरियाणवीं, गुरदीप सिंह रंधावा प्रधान बार एसोसिएशन, मनबीर सिंह रंधावा प्रधान आढ़तियां एसोसिएशन मास्टर बलजीत सिंह, कालानंगल आढ़तियां एसोसिएशन नेता जत्थेदार गुरबिदर सिंह व अन्य बड़े नेताओं का रैली में विशेष योगदान रहा।इस रैली में बाबा अमरीक सिंह निक्के घुम्मन और अन्यों द्वारा लंगरों का भी प्रबंध किया गया। महारैली में ये गायक भी शामिल हुए

बटाला की किसान व्यापारी मजदूर महारैली में प्रसिद्ध गायक देबी मखसूसपुरी, जेली मंजीतपुरी, रंजीत राणा, बीर सिंह, कमल खान, सज्जनदीप सिंह, रेशम बाई आदि ने भी रैली में शमूलियत की। अपने भाषणों के माध्यम से किसानों के संघर्ष का समर्थन किया। अंतरराष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी हरमनजीत सिंह भी विशेष रूप से पहुंचे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.