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साढ़े चार किमी लंबे करतारपुर कॉरिडोर के दोनों ओर लगेंगे बैरिकेड, बीच में बाहर आना म‍ुश्किल

करतारपुर कॉरिडोर के दोनों ओर बैरिकेड्स लगाए जाएंगे। इस कारण कॉरिडोर से गुजरने वाले लोग बीच में बाहर नहीं आ सकेंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 02:26 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 02:26 PM (IST)
साढ़े चार किमी लंबे करतारपुर कॉरिडोर के दोनों ओर लगेंगे बैरिकेड, बीच में बाहर आना म‍ुश्किल
साढ़े चार किमी लंबे करतारपुर कॉरिडोर के दोनों ओर लगेंगे बैरिकेड, बीच में बाहर आना म‍ुश्किल

कलानौर (गुरदासपुर), जेएनएन। पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के लिए भारत-पाक के बीच बनाए जा रहे कॉरिडोर की पर सुरक्षा भी कड़ी होगी। भारत की ओर बनाए जा रहे साढ़े चार किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के दोनों ओर बैरिकेड लगाए जाएंगे। ऐसे में कॉरिडोर से गुजरने वाले लोग बीच में बाहर नहीं आ सकेंगे। इस कदम से कॉरिडोर के साथ लगते खेतों के किसानों के चेहरों पर मायूसी छा गई है।

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कॉरिडोर के पास कारोबार खोलने की उम्मीद लगाए बैठे किसान हुए मायूस, संघर्ष कमेटी ने जताया एतराज

नेशनल हाईवे अथॉरिटी की ओर से डेरा बाबा नानक के गांव मान से जीरो लाइन तक साढ़े चार किलोमीटर लंबे और 60 मीटर चौड़े कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। कॉरिडोर के दोनों ओर गांव चंदूनंगल, जोडिय़ां, टाहली साहिब और डेरा बाबा नानक के करीब 150 किसानों की जमीन लगती है।

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श्रद्धालुओं की सुरक्षा और हादसों से बचाव के लिए उठाया जा रहा कदम

इन गांवों के किसानों को उम्मीद थी कि कॉरिडोर खुलने के बाद उनके लिए कारोबार की संभावनाएं बढ़ जाएंगी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण करवा रहे अधिकारी जतिंदर सिंह का कहना है कि सड़क हादसों के बचाव के लिए कॉरिडोर के दोनों और बैरिकेड लगाए जाएंगे। इनकी ऊंचाई कितनी होगी अभी इस पर फैसला नहीं हुआ है। यह कदम कॉरिडोर से गुजरने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और किसी तरह के हादसे से बचाव के लिए उठाया गया है।

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जमीन बचाओ संघर्ष कमेटी के प्रधान रहे सूबा सिंह का कहना है कि किसानों को कॉरिडोर बनने से परिवारों के पालन पोषण के लिए कारोबार खोलने की आशाएं लगाई थीं। उन्होंने एनएचएआइ से मांग की है कि कॉरिडोर के किनारे जो किसान कारोबार खोलना चाहता है वहां बैरिकेड न लगाए जाएं। बैरिकेड लगाने के बाद कॉरिडोर के पास किसानों की जमीन की कीमत गिर जाएगी। अब तक कॉरिडोर के पास की जमीन 50 हजार की जगह ढाई लाख रुपये मरला बिकने की चर्चा चल रही थी।

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