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फतेहजंग की एंट्री से भाजपा में टिकट के चाहवान निराश

बटाला में टिकट के चाहवान भाजपाइयों के चेहरे उतरे हुए हैं और गले सूख चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 07:55 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 07:55 PM (IST)
फतेहजंग की एंट्री से भाजपा में टिकट के चाहवान निराश
फतेहजंग की एंट्री से भाजपा में टिकट के चाहवान निराश

परमीवर ऋषि, बटाला

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बटाला में टिकट के चाहवान भाजपाइयों के चेहरे उतरे हुए हैं और गले सूख चुके हैं। क्योंकि कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए फतेहजंग सिंह बाजवा को बटाला से टिकट मिलना लगभग तय हो चुका है और बाजवा बुधवार से बटाला में डेरा डाल लेंगे। एक दो दिनों में बटाला हलके में अपना प्रचार भी शुरू कर सकते हैं।

जानकारी के अनुसार फतेहजंग बाजवा ने कई बड़े कांग्रेसियों को भाजपा में शामिल होने में अहम भूमिका भी निभाई है। इनमें हरजोत कमल, चंडीगढ़ के नए बने भाजपा के मेयर समेत अन्य सीनियर कांग्रेस नेता शामिल हैं। इससे भाजपा हाईकमान में बाजवा ने अपना कद बड़ा कर लिया है।

फतेहजंग सिंह बाजवा ने कहा कि उनको पार्टी हाईकमान से बटाला से टिकट की हरी झंडी मिल गई है और बुधवार से बटाला में पार्टी वर्करों के साथ बैठक करने वाले हैं। साथ ही हलके में चुनाव प्रचार भी शुरू कर देंगे। भाजपा को बड़े चेहरी की तलाश थी

अकाली दल से अलग होकर भाजपा इस बार बटाला विधानसभा से कोई बड़ा चेहरा तलाश रही थी। क्योंकि इस बार भाजपा नहीं चाहती कि किसी कमजोर कैंडीडेट पर दांव खेला जाए। अब हलके में पार्टी को चेहरे की तलाश तब खत्म हो गई जब कांग्रेस छोड़कर फतेहजंग भाजपा में शामिल हो गए थे। उसके बाद फतेहजंग बाजवा ने कांग्रेस के किले से कई स्तंभ गिराकर उन्हें भाजपा में शामिल करवाने में अपनी अहम भूमिका अदा कर पार्टी हाईकमान में अपना अहम स्थान बना लिया है। जहां एक तरफ भाजपा को बटाला से किसी बड़े चेहरे की तलाश थी वहीं बाजवा को बटाला सीट से चुनाव जीतने के लिए सेफ सीट भी चाहिए थी। टिकट के दावेदारों के गले सूखे

बटाला विधानसभा हलके से भाजपा के जो दिग्गज टिकट की दावेदारी जता रहे थे, वे अब निराश हो चुके हैं। फतेहजंग बाजवा की भाजपा में एंट्री से सबके गले सूख चुके हैं। क्योकि बटाला शहर में शहरी मतदाता करीब 70 प्रतिशत हैं और 30 प्रतिशत मतदाता ग्रामीण इलाके में है। जबकि बटाला में भाजपा गुटबाजी का शिकार भी है, इसलिए पार्टी ने गुटबाजी खत्म करने के लिए भी फतेहजंग बाजवा को टिकट देने का शायद मन बनाया होगा। बटाला शहर में आरएसएस का काफी प्रभाव भी है। जैसे ही टिकट की घोषणा होगी तो संघ के कहने पर सभी भाजपाइयों को एक बैनर तले इकट्ठे होने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचेगा।


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