निगम चुनाव में बाजवा ने अपने गुट को दिलाई थी 47 टिकट, सेखड़ी ने विधानसभा टिकट लेकर बाजवा को चित किया
बटाला विधानसभा सीट से एक मेयर दो डिप्टी मेयर 31 पार्षद और
परमवीर ऋषि, बटाला
बटाला विधानसभा सीट से एक मेयर, दो डिप्टी मेयर, 31 पार्षद और 80 सरपंच भी तृप्त राजिदर सिंह बाजवा को टिकट दिलवा पाने में नाकामयाब रहे। बाजवा खुद की लिखी स्क्रिट के पीछे रहे और बटाला से टिकट के लिए अपने समर्थकों को आगे किया। यहां तक की बटाला से टिकट नहीं मिलने पर अपने बेटे को बटाला से ही आजाद उम्मीदवारी की घोषणा भी करवा दी। लेकिन पार्टी हाईकमान ने एक नहीं सुनी और सिद्धू खेमे से अश्वनी सेखड़ी को बटाला से टिकट दे दी।
कांग्रेस सरकार में तृप्त बाजवा की तूती बोलती थी। करीब एक साल पहले बटाला नगर निगम के चुनाव के दौरान 50 में से तृप्त बाजवा ने अपने खेमे के 47 पार्षदों को टिकट दिलवाई थी जबकि सेखड़ी के परिवार में सिर्फ तीन सीट ही पार्षदों को मिली थी। सेखड़ी गुट तब से ही मायूसी के आलम में था। लेकिन एक साल बाद सेखड़ी ने विधानसभा में टिकट लेकर बाजवा गुट को चित कर दिया। इस कारण अब बाजवा गुट मायूसी के आलम में है। सेखड़ी को टिकट मिलने के दो दिन पहले ही बाजवा गुट के कुछ लोग इंटरनेट मीडिया पर बाजवा को बटाला से टिकट न देने पर पार्टी से त्यागपत्र तक के मैसेज डाल रहे थे। लेकिन अब सेखड़ी को टिकट मिलते ही मैसेज बंद हो गए। करीब पांच दिन पहले तृप्त बाजवा ने घर पर 32 पार्षद और 80 सरपंचों के साथ शक्ति प्रदर्शन करके हाईकमान पर दबाव बनाया था। उसमें मांग रखी गई थी कि या तो हाईकमान अपना फैसला बदले या फिट तृप्त के बेटे को बटाला से चुनाव लड़वाया जाए। इसके बावजूद सेखड़ी ने टिकट हथिया ली। टिकट की घोषणा के बाद ही फिर तृप्त की तरफ से शक्ति प्रदर्शन करके बेटे को बटाला से आजाद चुनाव लड़वाने का दावा किया गया, परंतु पार्टी ने अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।