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तेज रफ्तार बना काल, चार परिवारों का बुझा चिराग

सोमवार देर रात को कोटली सूरत मल्ली के पास हुए हादसे में मरे कार सवार चारों युवक अपने-अपने परिवार के इकलौते बेटे थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 06:14 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 06:14 PM (IST)
तेज रफ्तार बना काल, चार परिवारों का बुझा चिराग
तेज रफ्तार बना काल, चार परिवारों का बुझा चिराग

विनय कोछड़, बटाला

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सोमवार देर रात को कोटली सूरत मल्ली के पास हुए हादसे में मरे कार सवार चारों युवक अपने-अपने परिवार के इकलौते बेटे थे। ये सभी आपस में ममेरे-फुफेंरे भाई और दोस्त थे। चारों होंडा सिटी कार से शादी की खरीदारी करके कोटली सूरत मल्ली से वापस गांव गंजी-नंगल से वापस आ रहे थे। इनकी कार की स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटे थे। रास्ते में एक तेज रफ्तार बाइक को बचाने के चक्कर में इनकी कार असंतुलित होकर एक भट्ठे से जा टकराई।

मंगलवार को सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिवारों को सौंप दिया गया। इस दौरान हर किसी की आंखों में आंसुओं का सैलाब था। मृतकों की पहचान बटाला तहसील के गांव गंजी-नंगल के जश्नप्रीत सिंह, शिकार-माछीयां के दिलराज सिंह, गांव खैहरा के लवली और अमृतसर के गांव वल्ला के अर्शदीप सिंह के रूप में हुई। चारों की उम्र 17 से 18 वर्ष के बीच थी। जश्नप्रीत की बहन का तीन दिन बाद विवाह था। इसमें भाग लेने चारों युवक आए हुए थे। सोमवार शाम को चारों गजी-नंगल से कोटली सूरत मल्ली कपड़े खरीदने गए। रात को सभी होंडा-सिटी कार में वापस घर लौट रहे थे तो सामने से एक तेज-रफ्तार बाहक को बचाने के चक्कर में उनकी कार का संतुलन बिगड़ गया और वह भट्ठे में जा टकराई। दिलराज और जश्नप्रीत की मौके पर ही मौत हो गई जबकि लवली ने बटाला के सिविल अस्पताल में दम तोड़ा। अर्शदीप की अमृतसर के गुरु नानक अस्पताल में मौत हुई। दिलराज सिंह और जशनप्रीत सिंह ने कुछ माह पहले सैनिक की भर्ती के ट्रायल दिए थे, लेकिन उम्र कम होने के कारण वे रिजेक्ट कर दिए गए। मंगलवार शाम को सभी का संस्कार कर दिया गया। शादी की खुशियां मातम में बदली

हादसे का परिजनों को पता चलते ही शादी की खुशियां मातम में बदल गई। परिवार में चीख-पुकार मच गई। कुछ देर बाद ही पता चला कि उनके चार परिवारों का चिराग बुझ गया है। जश्नप्रीत सिंह अपनी तीन बहनों का इकलौता भाई था। संस्कार के दौरान उसकी बहनें बार-बार बेहोश हो रही थीं। जश्नप्रीत ने कहा था वापस आकर भंगड़ा डालेंगे

जश्नप्रीत सिंह की मां राजविदर कौर की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। वह कह रही थी कि वाहेगुरु तू तां मेरे जिगर दे टुकड़े क्यों अपणे कोल ले गया। हुण इस दुनिया ते मेरा कोई नहीं रिहा है। उसने कहा कि जश्न ने घर से जाते वक्त कहा था कि मां मैं कपड़ों की खरीदारी के लिए जा रहा हूं। वापस लौटने के बाद बहन की शादी को लेकर खूब सारा भंगड़ा डालेंगे। रात को घर में रखी थी पार्टी

जश्नप्रीत की बहन की शादी तीन बाद थी। घर में तेल चढ़ाने की रस्म थी। रिश्तेदार घर में थे और खुशी का माहौल था। हादसे वाले दिन रात को छोटी सी डीजे पार्टी भी रखी थी।


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