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वाहनों की तेज रफ्तार से हार रही जिंदगी, तीन साल में 65 की मौत

हर साल सड़क हादसों में लोगों की जान जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 08:00 AM (IST)
वाहनों की तेज रफ्तार से हार रही जिंदगी, तीन साल में 65 की मौत
वाहनों की तेज रफ्तार से हार रही जिंदगी, तीन साल में 65 की मौत

बाल कृष्ण कालिया, गुरदासपुर

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हर साल सड़क हादसों में लोगों की जान जा रही है। जिले में तीन साल में 65 लोगों ने सड़क हादसों में अपनी जान गंवाई है, वहीं 300 से अधिक लोग हाथ या पाव गंवाकर दिव्यांग हुए। इनमें से कुछ लोग ऐसे हैं, जो अब तक अपना इलाज करवा रहे हैं। सड़क हादसों का मुख्य कारण वाहनों को ओवरटेक करना और तेज रफ्तार से वाहन चलना है। शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की संख्या भी कम नहीं है। इसके अतिरिक्त सड़कों पर पशुओं के गुजरने से भी सड़क हादसे होते हैं। गुरदासपुर, बटाला, श्री हरगोविदपुर व अमृतसर-पठानकोट नेशनल हाईवे पर कई ऐसे दर्दनाक सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें कई लोगों के घर उजड़ गए।

ट्रैफिक एजुकेशन सेल लोगों को सड़क हादसों से बचने के लिए यातायात नियमों का पालन करने की दुहाई देता है। इसके बावजूद भी वाहन चालक जब हाईवे पर एक्सीलेटर पर पैर रखते हैं तो हवा में बातें करने की आदत उन्हें मौत के मुंह में ले जाती है। 2018, 2019 और 2020 में लगातार सड़क हादसे हुए हैं। हालांकि कोरोना वायरस की वजह से पिछले दोनों सालों के मुकाबले इस साल सड़क हादसों में कमी आई है। सरकारों व विभागों की ओर से लगातार ट्रैफिक सप्ताह मनाकर लोगों को सड़क हादसों के प्रति जागरूक किया जाता है, लेकिन बावजूद इसके लोग यातायात नियमों संबंधी अवहेलना सरेआम करते हैं। इस कारण वे सड़क हादसे का शिकार होते हैं। ओवरस्पीड हादसों का बड़ा कारण

वाहनों को अधिक स्पीड से दौड़ाने वाले लोग हादसे का अधिक कारण बनते हैं। जिले में ट्रांसपोर्ट विभाग के मुताबिक नेशनल हाईवे पर लोग अपनी गाडि़यां 120 से अधिक स्पीड से चलाते हैं। इस कारण एकदम से ब्रेक ना लगा पाने के कारण लोग सड़क हादसे का शिकार होते हैं। सिगल लाइन सड़क पर भी लोग अपने वाहन तेजी से दौड़ाते हैं। रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी बलदेव रंधावा के मुताबिक वैसे तो सड़क हादसों के कई और भी कारण हैं, लेकिन ओवर स्पीड सबसे मुख्य कारण माना गया है। नेशनल हाईवे पर ट्रकों का आतंक

पठानकोट से अमृतसर तक नेशनल हाईवे पर चलने वाले माफिया के ट्रक बड़े सड़क हादसों का कारण बनते हैं। दरअसल नेशनल हाईवे पर ट्रक चालक अपनी स्पीड को अधिक रखते हैं। ये लोग हादसे करके अपने वाहन मौके से दौड़ा लेते हैं। ऐसे अज्ञात वाहनों के खिलाफ करीब दो दर्जन से अधिक मामले तीन साल में दर्ज किए गए हैं। धुंध के कारण आने वाले दिनों में और बढ़ेंगे हादसे

आने वाले दिनों में गहरी धुंध पड़ने वाली है। ऐसे में सड़क हादसों में भी वृद्धि होगी। धुंध के समय में भी लोग नेशनल हाईवे पर अपनी गाड़ियां बेधड़क तेजी से दौड़ाते हैं, जो सड़क हादसों का कारण बनती है। तीन साल में धुंध के दौरान हुए सड़क हादसों में डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई है। किस साल हुए कितने हादसे

साल हादसे मौत घायल

2018 24 29 133

2019 47 27 110

2020 17 9 60

इसे इनफो टाइप में लगाएं

ये वाहन हुए हादसों के शिकार

--60 फीसद दोपहिया वाहन

-20 फीसद ट्रक

-05 फीसद बसें

--15 फीसद जुगाड़ू वाहन जैसे टांगा, पीटर रेहड़ा आदि।

ये हैं सड़क हादसों के ब्लैक स्पाट

दीनानगर झांगी, मगराला बाईपास दीनानगर निकट राधा स्वामी सत्संग भवन, स्टेट बैंक आफ इंडिया पनियाड़, गुरदासपुर लड़कों की आइटीआइ, परशुराम चौक गुरदासपुर, पुलिस पोस्ट बब्बरी, गुरुद्वारा साहिब सोहल धारीवाल, तिब्बड़ी पुल, जौड़ा छित्तरां, गुरुद्वारा नौशहरा मज्झा सिंह रोड, सचेतगढ़ बटाला, खोखर फौजियां बटाला, गांव मल्लू द्वारा बटाला, खातीब बाईपास बटाला, एसएसपी आफिस बटाला, सुनैया बाईपास बटाला, अमृतसर बाईपास बटाला, ट्रैफिक लाइट चौक श्रीहरगोबिदपुर, मारुति सुजूकी सर्विस जोन बटाला, लायलपुरी रिजोर्ट मिसरपुरा बटाला। इन जगहों पर कई सड़क हादसे हुए हैं। कोट्स

ब्लैक स्पाट पर काम किया जा रहा है। उम्मीद है कि आने वाले सालों में इन जगहों पर हादसे नाममात्र हो।

--बलदेव रंधावा, आरटीए।


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