शहीदों की याद में हुसैनीवाला बोर्डर पर बना स्मारक
पंजाब में हुसैनीवाला बार्डर पर बुधवार को 1965 व 1971 के युद्ध शहीदों की याद में बनाए गए प्रेरणा स्थल यानी शहीद स्मारक के लाेकार्पण किया गया।
फिरोजपुर : हुसैनीवाला बार्डर पर जब 'ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी...' गीत की धुन बजाई गई तो वहां मौजूद जवानों की आंखें भर आईं। शहीद जवानों की वीरता को याद कर वे गर्व से भर गए। मौका था 1965 व 1971 के युद्ध शहीदों की याद में बनाए गए प्रेरणा स्थल यानी शहीद स्मारक के लाेकार्पण का।
करीब 40 साल बाद इन सैनिकों की वीरता और उनकी बहादुरी को यह सम्मान मिला है। इन जवानों ने पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान अप्रतिम वीरता दिखाकर दुश्मनों को सबक सिखाया था।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित हुसैनीवाला बार्डर के नजदीक अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु के समाधि स्थल के नजदीक सेना द्वारा युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में बनाए गए प्रेरणा स्थल को लेफ्टिनेंट जनरल केजे सिंह ने देश को समर्पित किया। उन्होंने शहीदों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह हमें उन बहादुर सैनिकों की याद सदैव दिलाता रहेगा, जो देश के लिए न्योछावर हो गए। यह इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज होगा।
यह स्मारक अब तक एक यूनिट के नाम पर था, जिसे अब और विस्तार दिया गया है। पश्चिमी कमान की अवधारणा के अनुसार इसे अब 'प्रेरणा स्थल' के रूप में विकसित किया गया है। इस मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल एनपीएस हीरा, मेजर जनरल एससी मेस्टन सहित फिरोजपुर डिवीजन के आयुक्त वीके मीणा सहित सैकड़ों सैनिक और शहर के गण्यमान्य उपस्थित थे।
शहीदों की समाधि के मुख्य गेट पर स्थित है प्रेरणा स्थल
शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के समाधि स्थल के मुख्य गेट पर प्रेरणा स्थल स्थापित किया गया है। यह तांबे से बने सात स्तंभों से घिरा है। सबसे बड़े आकार के स्तंभ पर शहीद भगत सिंह का चित्र बना है। इन स्तंभों में सैनिकों के बारे में विवरण व उनकी साहस और बहादुरी के बारे में जानकारी दी गई है।