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पांच साल में सड़क हादसो में 712 जिंदगियां लील गए अनफिट वाहन

जिले की सड़कों पर अनफिट वाहन बैखोफ दौड़ रहे हैं। हालात तो यह हैं कि ट्रैफिक पुलिस या रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी (आरटीए) ने अनफिट और जुगाड़ी वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। कृषि क्षेत्र के वाहन ट्रैक्टर-ट्राली ओवर लोडिड वाहन सड़कों हादसों को न्यौता दे रहे हैं। जिला फिरोजपुर में पिछले पांच सालों में 712 लोगों की जान सड़क हादसों में गई जिसकी जिम्मेदार अनफिट वाहन और तेज रफ्तारी भी हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 06:13 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 06:13 AM (IST)
पांच साल में सड़क हादसो में 712 जिंदगियां लील गए अनफिट वाहन
पांच साल में सड़क हादसो में 712 जिंदगियां लील गए अनफिट वाहन

दर्शन सिंह, फिरोजपुर : जिले की सड़कों पर अनफिट वाहन बैखोफ दौड़ रहे हैं। हालात तो यह हैं कि ट्रैफिक पुलिस या रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी (आरटीए) ने अनफिट और जुगाड़ी वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। कृषि क्षेत्र के वाहन ट्रैक्टर-ट्राली, ओवर लोडिड वाहन सड़कों हादसों को न्यौता दे रहे हैं। जिला फिरोजपुर में पिछले पांच सालों में 712 लोगों की जान सड़क हादसों में गई, जिसकी जिम्मेदार अनफिट वाहन और तेज रफ्तारी भी हैं।

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जुगाड़ वाहनों पर नहीं होती बैक लाइट व रिफ्लेक्टर

सड़कों पर दौड़ते जुगाड़ वाहनों की न तो बैक लाइट, न फाग लाइट के अलावा न ही रिफ्लेक्टर लगा होता है। ऐसे हालत में सड़क हादसा होना मामूली बात है। ट्रैफिक मुलाजिम भी ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करने में संजीदगी नही दिखाते, मुलाजिमों की यही लापरवाही हादसों का कारण बन जाती है। व्यवसायिक वाहनों की फिटनेस वैरीफिकेशन कागजों तक सीमित

विभागीय सूत्र बताते हैं कि कमर्शियल वाहनों की फिटनेस वैरीफिकेशन का सिस्टम आनलाइन अप्लाई करना होता है और ये कार्रवाई कभी विभाग के कभी किसी आफिस में तो कभी आरटीओ आफिस में होती है। वाहनों के मालिक इस काम को करवाने में कई प्रकार के हथकंड़े अपना काम करवा लेते है और ये वैरीफिकेशन कागजों तक ही सीमित होकर रह जाती है ।छोटे वाहनों की फिटनेस वैरीफिकेशन विभाग की तरफ से की ही नहीं जाती ।

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तीन माह में 1600 कर्मिशियल वाहनों की फिटनेस वेरिफिकेशन

आरटीए विभाग के इंस्पेक्टर महेंद्रपाल के मुताबिक पिछले तीन माह के दौरान व्यावसायिक वाहनों जिसमें बस, ट्राले, महेंद्रा पिकअप, टाटा गाड़ी के अलावा छोटा हाथी इत्यादि शामिल हैं, लगभग 1600 वाहनों की फिटनेस वैरीफिकेशन की गई है। आटो रिक्शा की फिटनेस के बारे में आरटीओ ही बता सकते हैं। अगस्त माह में 532 तो सितंबर माह में 458 के अलावा अक्टूबर माह के दौरान 618 वाहनों की फिटनेस जांच की गई है ।

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इन वाहनों की नही होती फिटनेस वेरिफिकेशन

विभागीय सूत्र कहते हैं कि छोटे वाहन जिनमें कार, स्कूटर, मोटरसाइकिल, बग्गी, रिक्शा इत्यादि की फिटनेस वेरिफिकेशन मात्र दिखावे के तौर पर होती है। खानापूर्ति करने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारी कार्रवाई करते है। टैक्स देखकर की जाती है फिटनेस वैरीफिकेशन

बड़े वाहनों की फिटनेस के बारे में महेंद्र पाल कहते हैं कि टैक्स के हिसाब के फिटनेस वैरीफिकेशन की जाती है। किस वाहन के मालिक ने कितना टैक्स अदा किया है उसके हिसाब के कागजी कार्रवाई की जाती है। साथ ही गाड़ी की बाडी चेक की जाती है । चलाया जाता है अभियान: प्रदीप सिंह

रीजनल ट्रांसपोर्ट अफसर प्रदीप सिंह कहते हैं कि उनकी तरफ से वाहनों की फिटनेस हर माह की जाती है, छोटे वाहनों की बात पर उन्होंने कहा कि वे ऐसे वाहनों के खिलाफ भी अभियान चलाते हैं। कितने बांड किये इसके बारे अधिकारी कुछ नही बता सके। जबकि डीएसपी हेडक्वाटर्र करणशेर सिंह पहले ही कह चुके हैं कि उनका काम ट्रैफिक नियमों का पालन करवाना है।


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