व्यापारियों ने की बजट में टैक्स में छूट देने की मांग
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट पेश करने जा रही है जिसको लेकर एक बार फिर से आशाओं का बाजार गर्म हो गया है ।
संवाद सूत्र, फिरोजपुर : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट पेश करने जा रही है, जिसको लेकर एक बार फिर से आशाओं का बाजार गर्म हो गया है । खास तौर पर व्यापारी वर्ग को एक बार फिर से उम्मीद जागी है कि शायद इस बार सरकार व्यापारी व व्यापार के लिए कोई ठोस योजनाएं लेकर आए। इसे लेकर उद्योगपति वर्ग ने खुलकर अपने विचार दिए है।
कोट्स
टैक्स रिफंड के लिए बने योजना
सरकार की तरफ से अभी तक जीएसटी की बकाया राशि जारी नहीं की गई, जिसके चलते इंडस्ट्रियलिस्ट को काफी नुकसान हो रहा है, वहीं पर जीएसटी का रिफंड लेने के लिए एक सही प्लेटफार्म की योजना भी होना चाहिए। हर बजट में इंडस्ट्रिलिस्ट को राहत मिलने की उम्मीद होती है। सरकार को गंभीरता से भारत की इंडस्ट्री की डवलपमेंट के लिए प्रोजेक्ट प्लान तैयार करना होगा।
-दीदार सिंह गिल, संचालक रायल थ्रेशर, फिरोजपुर लाकडाउन की भरपाई करें बजट में
इस आम बजट में उन व्यापारियों और उद्योगपतियों के लिए राहत की घोषणा हो जो कोरोना के कारण लगे लाकडाउन के कारण सड़क पर आ गए हैं। लाकडाउन की वजह से न जाने कितने छोटे और मध्यम वर्ग के व्यापारी खत्म हो चुके हैं और कुछ खत्म होनी की कगार पर हैं, जिसके लिए बजट में कोई ऐसी योजना का होना लाजमी है, जिससे व्यापारी को बचाया जा सके और व्यापारियों दोबारा से स्टैंड किया जा सके।
-सुरेश नरूला उद्योगपति,. फिरोजपुर
बिजली की दरों को कम करे सरकार
केंद्रीय बजट में बिजली की दरों को कम करने के लिए कोई खास कदम उठाने चाहिए ताकि व्यापारी वर्ग फिर से काम करे और खर्च कम आए। कोरोना काल में काम करना कठिन हो गया है। केंद्रीय बजट में कुछ राहत मिलेगी तो राज्य सरकार व्यापारी वर्ग को कुछ दे सकेगी। वर्ना उद्योगपति तो केंद्र और राज्य की नीतियों का ही शिकार हो कर रह जाता है। दोहरी मार झेल रहे व्यापारी को कम दरों में बिजली मिले तो कोई राहत हो।
-गुरमीत सिंह, व्यापारी. फिरोजपुर आम बजट से सभी को उम्मीदें इस बार के बजट में खास तौर पर व्यापारी के लिए कुछेक ऐसी योजनाएं होनी चाहिए, जिससे पिछड़ रहे व्यापारी और इंडस्ट्री को राहत मिले। इंडस्ट्री के लिए आसान टैक्स प्रक्रिया और अन्य सुविधाओं की घोषणा हो तो राज्य की इंडस्ट्री उठ सकती है । पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश शिफ्ट होने कारण भी राज्य को नुकसान हुआ है। जरूरी है कि जीएसटी कम हो इसके रिफंड की प्रक्रिया भी आसान हो।
-गुलशन डनडोना, व्यापारी, फिरोजपुर