Move to Jagran APP

हुसैनीवाला बार्डर खुलवाने का वादा नहीं पूरा कर पाए नेता

हुसैनीवाला बार्डर को व्यापार के लिए खुलवाने का वादा इस बार नेताओं की चुनावी सभाओं से गायब है। हालांकि शहीदों के शहर के पहले नेता लोगों के साथ हुसैनीवाला बार्डर खुलवाने के झूठे वादे कर वोट बटोरते रहे लेकिन अभी तक किसी भी नेता ने इसे खुलवाने की तरफ कोई पैरवी नहीं की।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 10:54 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 10:54 PM (IST)
हुसैनीवाला बार्डर खुलवाने का वादा नहीं पूरा कर पाए नेता
हुसैनीवाला बार्डर खुलवाने का वादा नहीं पूरा कर पाए नेता

तरूण जैन, फिरोजपुर : हुसैनीवाला बार्डर को व्यापार के लिए खुलवाने का वादा इस बार नेताओं की चुनावी सभाओं से गायब है। हालांकि शहीदों के शहर के पहले नेता लोगों के साथ हुसैनीवाला बार्डर खुलवाने के झूठे वादे कर वोट बटोरते रहे, लेकिन अभी तक किसी भी नेता ने इसे खुलवाने की तरफ कोई पैरवी नहीं की।

loksabha election banner

हुसैनीवाला में जब भी कोई बड़ा नेता अंतरराष्ट्रीय हिद-पाक सीमा पर स्थित शहीदी स्थल पर श्रद्धासुमन अर्पित करने आता है तो वह बार्डर खुलवाने की बात करता है और जनता को भी उम्मीद होती है कि शायद किसी के प्रयास से यह बार्डर खुल जाएं। वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद यह बार्डर व्यापार के लिए बंद हो गया था। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण यहां कोई बड़ा उद्योग भी स्थापित नहीं हो पाया है, जिसके कारण यह जिला औद्योगिक व व्यापारिक रूप से पूरी तरह पिछड़ चुका है। ज्यादातर लोग खेतीबाड़ी, मजदूरी पर आधारित है। यूथ अपना करियर बनाने के लिए विदेशों की तरफ रूख कर रहा है।

इस बार प्रधानमंत्री से थी आशा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 मार्च 2015 को शहीद-ए-आजम भगत सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे तो भी उन्होंने जिले के सर्वपक्षीय विकास के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की थी, जिस कारण लोगों में निराशा पाई गई थी। लोगों को उम्मीद थी कि पीएम कोई बड़ी इंडस्ट्री या बार्डर खोलने की पैरवी करके बड़ी राहत देंगे, लेकिन उन्होनें अपने संबोधन में ऐसा कुछ भी नहीं कहा। विगत पांच जनवरी को पीएम की रैली में लोगो को आशा था कि प्रधानमंत्री मोदी इस बार बार्डर खुलवाने के लिए जरूर कुछ बात करेंगे, लेकिन उनकी सुरक्षा में चूक के कारण लोगों की उम्मीदों पर एक बार फिर पानी फिर गया।

पत्थर दर्शाते हैं फिरोजपुर से पाकिस्तान के लाहौर व कसूर की दूरी

बार्डर की तरफ जाते हुए रास्ते में कई जगह पर कसूर व लाहौर की फिरोजपुर से दूरी दर्शाते हुए पत्थर लगे हुए हैं, जोकि लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र बनते है, जब भी कोई पर्यटक बार्डर का विजिट करने आते है तो वह इन पत्थर के साथ फोटो खिचवाकर जाते हैं। ंिवधायक ने किया था बार्डर खुलवाने का दावा

विधायक परमिदर सिंह पिकी ने इससे पहले दावा किया था कि जिस तरह से हुसैनीवाला तक सरकार द्वारा फोरलेन सड़क बनवाई है, उससे जाहिर होता है कि बार्डर व्यापार के लिए जल्द खुलेगा। विधायक ने कहा था कि उनके द्वारा भी हुसैनीवाला खुलवाने के लिए खूब प्रयास किए जा रहे हैं। वादा करके भूले सिद्धू

14 अगस्त 2017 को कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने शहीदी स्थल पर पत्रकारवार्ता में हुसैनीवाला बार्डर खुलवाने का वादा किया था, लेकिन उसके बाद उन्होनें इस तरफ ध्यान नहीं दिया। व्यापारी बोले-बार्डर खुलने से खुलेंगे व्यापार के रास्ते

कैंट व्यापार मंडल के प्रधान रूप नारायण सिगला, बेअंत लाल सिकरी, नानक चंद, विशाल सिक्का, संजय गुप्ता, विकास मित्तल, पिटू कालड़ा, विजय कक्कड़, सिटी व्यापार मंडल के प्रधान चंदरमोहन हांडा ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार को चाहिए कि हुसैनीवाला बार्डर व्यापार के लिए खोलने की कार्रंवाई तेज की जाए। उन्होनें कहा कि व्यापार की ²ष्टि से यह जिला सबसे पीछे है और अगर बार्डर खुलता है तो जनता को इसका खूब फायदा होगा और क्षेत्र का तेजी से विकास भी होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.