सस्पेंड बस कंडक्टर ने राजस्थान फीडर में कूदकर दी जान
पंजाब रोडवेज ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन (पीआरटीसी) के उच्चाधिकारियों की तरफ से एक कंडक्टर को ड्यूटी ज्वाइन न करवाकर लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था और रिश्वत के तौर पर पैसे मांगे जा रहे थे
अमनदीप सिंह, फिरोजपुर : पंजाब रोडवेज ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन (पीआरटीसी) के उच्चाधिकारियों की तरफ से एक कंडक्टर को ड्यूटी ज्वाइन न करवाकर लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था और रिश्वत के तौर पर पैसे मांगे जा रहे थे, जोकि बस कंडक्टर देने में असमर्थ था और उसने राजस्थान फीडर में कूदकर अपनी जान दे दी। बीते दिन जब बस कंडक्टर का शव बरामद हुआ तो मामला उजागर हुआ।
पुलिस ने सूचना मृतक जसबीर सिंह के शव को पोस्टमार्टम के लिए फरीदकोट के अस्पताल में रखवा मामले की जांच शुरू कर दी है। मृतक जसबीर सिंह फिरोजपुर की तहसील गुरुहरसहाय का रहने वाला था और लुधियाना डिपो के अधीन पंजाब रोजवेज ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन में कंट्रैक्चुअल बेस पर काम कर रहा था। जसबीर सिंह के साथी कर्मचारियों के मुताबिक जसबीर सिंह को चार-पांच माह पहले उच्चाधिकारियों ने झूठे गबन के केस में फंसा दिया था और उसे सवारी से पैसे लेकर टिकट न देने के आरोप लगाते हुए जुर्माना किया था और कार्रवाई करते हुए सस्पेंड भी कर दिया था। इसके बादजसबीर सिंह ने नियमों के मुताबिक 10 हजार रुपये पंजाब सरकार के खाते में जमा करवा दिए और दोबारा से ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए गया तो पीआरटीसी व रोडवेज के उच्चाधिकारियों ने उसे ड्यूटी ज्वाइन नहीं कर दी। उसने कई मिन्नतें की, लेकिन उसकी किसी भी अधिकारी ने नहीं सुनी। कांट्रैक्चुअल बेस पर पीआरटीसी में मात्र दस हजार रुपये वेतन पर नौकरी लगा था।
साथियों का आरोप है कि उच्चाधिकारियों की तरफ से उसे ज्वाइन न करवाने का एक ही कारण था कि वे उससे पैसे मांग रहे थे। जबकि कंडक्टर जसबीर सिंह का कहना था कि उसे पहले भी फर्जी केस बनाकर फंसाया गया था, जब उसने 10 हजार रुपये जुर्माना भी अदा कर दिया है, बावजूद उसे ड्यूटी ज्वाइन नहीं करवाई जा रही है। खुद पर लगे आरोपित और बदनामी, फिर उच्चाधिकारियों की तरफ से ड्यूटी ज्वाइन न करवाने से प्रताड़ित हुए जसबीर ने जिदगी से हार मान ली और राजस्थान फीडर में छलांग लगा आत्महत्या कर ली।
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यह है नियम
जानकारी मुताबिक रोडवेज में अगर कोई बिना टिकट सवारी पकड़ी जाती है तो सवारी को औचक निरीक्षण करने वाली इंस्पेक्टरों की टीम किराये से दस गुणा जुर्माना वसूल करती है और उसी बस के बस कंडक्टर को 100 गुणा जुर्माना करती है।
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अविवाहित था जसबीर सिंह जसबीर सिंह अभी मात्र 25 साल का था और अभी अविवाहित था। पिता फुमन सिंह मेहनत मजदूरी करते हैं। एक बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। आर्थिक रूप से गरीब परिवार है। जसबीर सिंह बस कंडक्टरी करते हुए जालंधर, लुधियाना, फिरोजपुर, चंडीगढ़, दिल्ली, कपूरथला, अमृतसर आदि शहर में बसें लेकर जाता रहा है।