अच्छे कर्म करने से मिलता है सुख : स्वामी आत्मानंद
शिवालय मंदिर में ब्रह्मालीन स्वामी स्वत प्रकाश पुरी की 65वीं पुण्यतिथि पर शिव शक्ति योग मिशन श्रीमद्भागवत कथा करवा रहा है।
संवाद सूत्र, फिरोजपुर : शिवालय मंदिर में ब्रह्मालीन स्वामी स्वत प्रकाश पुरी की 65वीं पुण्यतिथि पर शिव शक्ति योग मिशन श्रीमद्भागवत कथा करवा रहा है। इसके चौथे दिन प्रवचन करते हुए स्वामी आत्मानंद पुरी जी ने कहा कि सभी प्राणी सुख चाहते हैं और दुख की कामना कोई नहीं करता, जबकि सुख-दुख दोनों मनुष्य के ही कर्मो का फल है। पाप और पुण्य का ही फल मुनष्य को सुख और दुख के रुप में मिलता है और में कभी भी किसी को दुख में देखकर खुश नहीं होना चाहिए।
स्वामी ने कहा कि वहीं इंसान महान होता है जो दूसरों के सुख में खुश होता है। माता-पिता और अतिथि यह सब परमात्मा के सम्मान है और हमें हमेशा इनकी सेवा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें छोटों को स्नेह और बड़ों को सम्मान देना चाहिए और हमारे देश भारत धर्म प्रधान देश है, यहां की संस्कृति सबसे महान है। इसकी अध्यात्म शक्ति के आगे पूरी दुनिया नतमस्तक होती है। माता-पिता अगर बच्चों को बचपन में अच्छे संस्कार देते है तो हमारा जीवन धर्म प्रदान बन जाता है। स्वामी ने कहा कि संत का संग करना ही पहली भक्ति होती है। मनुष्य के अंदर गुण व दोष संग से ही पैदा होते हैं, इसलिए उसको अच्छे संग की जरूरत होती है। संत का संग करने से अच्छे संस्कार मिलते हैं। सत्संग से ही विवेक पैदा होते हैं और जब तक मोह दूर नहीं होता तब तक परमात्मा से प्रेम नहीं हो सकता।