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भाजपा की टिकट को लेकर घमासान, दिग्गजों पर लगेगा दांव

विधानसभा क्षेत्र फिरोजपुर शहरी सीट पर भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ने के चाहवानों के बीच घमासान चल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 10:33 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 10:33 PM (IST)
भाजपा की टिकट को लेकर घमासान, दिग्गजों पर लगेगा दांव
भाजपा की टिकट को लेकर घमासान, दिग्गजों पर लगेगा दांव

संजय वर्मा, तरूण जैन, फिरोजपुर : विधानसभा क्षेत्र फिरोजपुर शहरी सीट पर भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ने के चाहवानों के बीच घमासान चल रहा है। प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष कमल शर्मा की मृत्यु और सुखपाल सिंह नन्नू के कृषि आंदोलन में पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस से आए राणा गुरमीत सिंह सोढी पर भाजपा दांव लगा सकती है। हालांकि फिरोजपुर शहरी हलके के भाजपा के पुराने दिग्गज टिकट के दावेदार हैं लेकिन भाजपा हाईकमान जीतने वाले उम्मीदवार को ही टिकट देगी। जिस वजह से फिरोजपुर जिले की सभी चार सीटों पर भाजपा ने अपने पत्ते नहीं खोले।

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फिलहाल जिस ढंग से केंद्र सरकार ने अमृत योजना के तहत शहर में करीब 150 करोड़ से ज्यादा विकास कार्यों जिसमें गलियों-सड़कों का निर्माण, पार्को का निर्माण, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के अलावा सीवरेज व वाटर पाइप लाइन का कार्य करवाया और हुसैनीवाला में करोड़ों रुपये से लाइट एंड साउंड सिस्टम के अलावा क्षेत्र में पर्यटन को मजबूत करने के विकास कार्य हुए है।

00 दावेदारों में ये शामिल

गुरुहरसहाय से चार बार कांग्रेस विधायक व दो बार खेल मंत्री रह चुके राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी के भाजपा शामिल होने के बाद लगातार फिरोजपुर शहरी विधानसभा क्षेत्र में अपना आधार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा भाजयुमो उपाध्यक्ष अभिषेक धवन जोकि पिछले तीन वर्ष से लगातार स्थानीय लोगो के केंद्र सरकार के सहयोग से समस्याओं का समाधान में योगदान दे रहे हैं और किसान आंदोलन के दिनों में उनके पोस्टरों पर कालिख तक पोती जा चुकी है। युवा होने के अलावा वह हिदू चेहरा हैं। अभिषेक धवन टिकट के प्रबल दावेदारों में माने जाते हैं। इसके अलावा भाजयुमो के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गुरप्रवेज सिंह भी लाइन में हैं और वोटर्स की नब्ज देखने के लिए डिनर डिप्लोमेसी का सहारा ले चुके हैं। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दविदर बजाज भी दावेदारी में शामिल हैं। नन्नू की वोट बैंक पर पकड़

2012 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के परमिदर सिंह पिकी से करीब 22 हजार और 2017 में करीब 31 हजार वोटों से हारे सुखपाल सिंह नन्नू का इस विस क्षेत्र में खासा प्रभाव है। उनका दावा है कि वह पार्टी में मात्र एक ही सिख नेता हैं, जिन्होंने फिरोजपुर में भाजपा का नाम चमकाया है। उनके पिता गिरधारा सिंह और नन्नू खुद दोनो दो-दो बार इस क्षेत्र से भाजपा विधायक रहे हैं। 43 फीसदी हिदुओं के बावजूद उम्मीदवार अन्य जातियों के

खैर कुछ भी हो फिरोजपुर शहर व छावनी के 41 वार्डों में करीब 1.75 लाख मतदाता हैं, जिनमें से 43 फीसदी हिदू वोटर हैं। अकाली दल ने पहली बार यहां से हिदू चेहरे पर दांव खेला है, जबकि आम आदमी पार्टी ने जट सिख पर विश्वास जताया है। इससे पहले कांग्रेस की टिकट पर पंडित बाल मुकंद शर्मा चुनाव लड़ा करते थे और वह हिदुओं के दबंग नेता के तौर पर जाने जाते थे। कांग्रेस पार्टी एक बार फिर सीटिग विधायक परमिदर सिंह खोसा जोकि जाट बिरादरी से है को चुनावी मैदान में उतारा है।


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