राज्यों से नहीं सेंट्रल पूल से बिजली खरीदेगा रेलवे
राज्यों से बिजली न खरीद कर रेलवे विभाग अब सीधा सेंट्रल पूल से बिजली लेगा। पर्यावरण संरक्षण के तहत सभी मंडलों का विद्युतीकरण करते हुए रेलवे ने साल 2022 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है।
तरूण जैन, फिरोजपुर : राज्यों से बिजली न खरीद कर रेलवे विभाग अब सीधा सेंट्रल पूल से बिजली लेगा। पर्यावरण संरक्षण के तहत सभी मंडलों का विद्युतीकरण करते हुए रेलवे ने साल 2022 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है। फिरोजपुर मंडल भी ओपन एक्सेस ड्रीम लाइसेंसी के आधार पर राज्य से बिजली खरीदने के बजाय सीधे सेंट्रल पुल से बिजली खरीद कर मंडल को करीबन 25 करोड़ रुपए सालाना की बचत करेगा।
डीआरएम राजेश अग्रवाल ने बताया कि विद्युतीकरण क्लीन एनर्जी है और इससे जहां विभाग के बार-बार इंजन बदलने में लगने वाले समय की भी बचत होगी और किसी भी तरह का प्रदूषण भी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पूरे देश में रेलवे ही ऐसा विभाग है, जहां पर हर कार्य को पूरी बारिकी से किया जाता है और कोशिश रहती है कि यात्रियों को विभागीय स्तर पर किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना आए।
अग्रवाल ने कहा कि मंडल के अंतर्गत 2020 तक अमृतसर-भरौली के 106 किलोमीटर ट्रैक, ब्यास-गोइंदवाल के 82 किलोमीटर ट्रैक और तरनतारन-अमृतसर खंड का 72 किलोमीटर ट्रैक का विद्युतिकरण किया जा चुका है, जिसे कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की ओर से निरीक्षण कर अप्रूवल दी जा चुकी है।
विभाग के डिविजनल सीनियर इंजीनियर मनीश नरवाल ने कहा कि इस वक्त मात्र अमृतसर-लुधियाना के मध्य एक ही डीएमयू जोकि विद्युतीकरण के माध्यम से चलती है तो अब मंडल की सभी डीएमयू को विद्युतीकरण के माध्यम से चलाने के लिए विभाग की ओर से लुधियाना में डीजल शैड व जालंधर में डैम्यू शैड का विद्युतीकरण किया गया है और धीरे-धीरे सभी डीजल इंजन को इलेक्ट्रिक में बदल कर विद्युत के माध्यम से ट्रैक पर चलाया जाएगा। सीधे बिजली खरीद रेवेन्यू बचा रहा विभाग
डिविजनल सीनियर इंजीनियर मनीश नरवाल ने कहा कि जहां पहले रेलवे की ओर से राज्यों से महंगी दर पर बिजली खरीदी जाती थी, वहीं विभाग की ओर से अब ड्रीम असैस के माध्यम से सीधे कम मूल्य पर बिजली खरीदकर उसकी सप्लाई का चैनल खर्च खुद तैयार किया जा रहा है। इससे रेलवे को जहां रेवेन्यू का फायदा हो रहा है तो वहीं यात्रियों को बेहतर सुविधाएं भी मिल रही है। उन्होंने कहा कि डीजल इंजन में प्रति ट्रैक किलोमीटर पर विभाग का 32.84 रुपये, जबकि इलेक्ट्रिक इंजन में 16.45 रुपये खर्च आता है और इलेक्ट्रिक इंजन फिरोजपुर मंडल में 17 फीसद बिजली स्वयं ही रिजनरेट की जाती है। मनीश नरवाल के मुताबिक इस वर्ष विभाग की ओर से कश्मीर घाटी में बनिहाल-बारामूला खंड, अमृतसर-छेहर्टा व बटाला-कातियाना खंड को विद्युतिकरण करने के लिए कार्य प्रगति पर चल रहा है तो वहीं कैबिनेट के माध्यम से ब्रॉडगेज रूट को 927 किलोमीटर ट्रैक व 870 रूट किलोमीटर की अप्रूवल मिल चुकी है और सेंट्रल ऑफ रेलवे इलेक्ट्रॉनिक द्वारा टेंडर लगाने हेतू प्रोसिजर जारी है। भविष्य के लिए ऊर्जा बचा रहा विभाग: डीआरएम
डीआरएम राजेश अग्रवाल ने कहा डीजल के प्रयोग को खत्म कर विदेशों के साथ तेल के होने वाले आयात में कमी आएगी और भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, वहीं सोलर एनर्जी के प्लांट लगाकर भी विभाग ऊर्जा संरक्षण में अहम योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि बड़े स्तर पर विभाग की ओर से सोलर प्लांट को बढ़ावा दिया जा रहा है और स्टेशनों पर भी सोलर सिस्टम लगाया जा रहा है।