15 सालों में फिरोजपुर में बंद हुए 90 सरकारी एलिमेंटरी स्कूल
घर-घर शिक्षा देने के सरकारी दावे कितने सही हैं इसकी जानकारी जिला फिरोजपुर के सरकारी एलिमेंटरी स्कूलों का आंकड़ा देखने से पता चलता है।
अशोक शर्मा, फिरोजपुर
घर-घर शिक्षा देने के सरकारी दावे कितने सही हैं इसकी जानकारी जिला फिरोजपुर के सरकारी एलिमेंटरी स्कूलों का आंकड़ा देखने से पता चलता है। पंद्रह सालों के दौरान जिला फिरोजपुर के 90 से अधिक सरकारी एलिमेंटरी स्कूल बंद हो गए हैं। बंद किए स्कूलों में कम छात्र होने का तर्क दिया जा रहा है। स्कूल बंद होने से जहां गांव से छात्र दूर जाने से परेशानी झेल रहे हैं तो प्राइवेट स्कूलों की चांदी हुई है।
खास करके बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ सलोगन के तहत जहां कन्या छात्रों पर विशेष ध्यान देने के दावे किए जा रहे हैं वहीं सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए मिड-डे-मील, किताबें-कापियां मुफ्त देने और फीस माफ करने की योजना पर काम चल रहा है।
जिला शिक्षा अधिकारी एलिमेंटरी राजीव छाबड़ा ने बताया कि फिरोजपुर जिले में 608 एलिमेंटरी स्कूल हैं, जिनमें 60114 बच्चे प्री नर्सरी से लेकर पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई करते हैं। पिछले साल 51182 बच्चे थे जिनमें 8932 छात्र बढ़े हैं। इन स्कूलों के लिए 1464 अध्यापक हैं, 220 वालंटियर टीचर। इतना होने के बावजूद सरकार 90 स्कूल बंद किए गए अब छात्रों को 2 या 3 किलोमीटर दूर बने स्कूलों में भेजा जा रहा है। सर्दी,गर्मी हो या बारिश छात्रों को पैदल ही स्कूल जाना पड़ता है।
------------------------- लाखों की लागत से बनी स्कूल की इमारतें बनी खंडहर स्कूल बंद होने से लाखों की लागत से बनी स्कूल की इमारतें खंडहर होती जा रही हैं। देख-भाल न होने कारण इमारतों में असामाजिक ठिकाना बना रहे हैं। गांव आवान (जीरा) के सलविदर सिंह बिल्ला ने बताया कि स्कूलों के बंद होने से इमारतों में लगा कीमती सामान आरओ सिस्टम, पंखे, फर्नीचर और टूटियां सब चोरी हो चुकी हैं जिसकी शिकायत पुलिस विभाग को दी जा चुकी है। जो स्कूल बंद हुए है उनमें नत्थू वाला, मराना बट्टू पट्टी, वसाव सिंह बस्ती, महियां वाला खुर्द, सजीयां आवान, झंडा बगा, माछियां, बावलपुर जैसे अन्य कई गावों में स्कूल बंद हो चुके हैं।