एक कंपनी की तरह काम कर रही आप: बांगड़
फिरोजपुर शहरी सीट से आप के प्रत्याशी रहे आशु बांगड़ ने आप को छोड़ते हुए फिरोजपुर में पार्टी के चुनाव प्रभारी राघव चड्ढा पर आरएसएस की नीतियों के मुताबिक काम करने और उन पर दबाव बनाने का आरोप लगाया।
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : फिरोजपुर शहरी सीट से आप के प्रत्याशी रहे आशु बांगड़ ने आप को छोड़ते हुए फिरोजपुर में पार्टी के चुनाव प्रभारी राघव चड्ढा पर आरएसएस की नीतियों के मुताबिक काम करने और उन पर दबाव बनाने का आरोप लगाया।
आशु बांगड़ ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उन पर पूरा दबाव था कि वे चुनाव में प्रचार के लिए पैसा खर्च करें। आप एक कंपनी की तरह काम कर रही है, जिसको पंजाबियों पर विश्वास नही हैं। आशु बांगड़ ने कहा कि आम आदमी पार्टी पहले ही सुच्चा सिंह छोटेपुर, धर्मवीर गांधी, हरिदर सिंह खालसा और सुखपाल सिंह खैहरा जैसे नेताओं का विश्वास खो चुकी है। ऐसे में आम आदमी पार्टी को कोई पंजाबी नहीं मिला या पार्टी को पंजाबियों पर विश्वास नहीं, जिस कारण राघव चड्ढा को उन्होंने चुनाव प्रभारी लगाया। राघव चड्ढा ने किसानों को आरएसएस की तर्ज पर काम करने का आरोप लगाया जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
फिरोजपुर में सुबह प्रेस कांफ्रेस के बाद आशु बांगड़ ने चंडीगढ़ में कांग्रेस का हाथ थामा। इस फेरबदल में सबसे अहम भूमिका हलका जीरा के कांग्रेस विधायक और वर्तमान उम्मीदवार कुलबीर जीरा की रही। बांगड़ ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देते हुए आम आदमी पार्टी की नीतियों पर गंभीर आरोप लगाए है।
आप के दावेदार बोले, आशु ने किया पार्टी से विश्वासघात संजय वर्मा, फिरोजपुर : आशु बांगड़ की ओर से आम आमदी पार्टी छोड़ने के बाद टिकट की कतार में लगे दावेदारों की चांदी हो गई है। टिकट की उम्मीद लगाए दावेदार जहां आशु के जाने से आहत हैं वहीं फिरोजपुर ग्रामीण हलके से आम आदमी पार्टी की जीत पर आश्वस्त हैं। जीरा के कांग्रेसी विधायक कुलबीर सिंह जीरा ने आशु बांगड़ के लिए कांग्रेस में शामिल होने का रास्ता तैयार किया।
वहीं फिरोजपुर ग्रामीण से टिकट की दावेदारी कर रहे नेताओं ने इसे पार्टी के साथ विश्वासघात बताया। फिरोजपुर ग्रामीण हलका रिजर्व होने के कारण स्थानीय दावेदार पार्टी के लिए लंबे समय से काम कर रहे थ । लेकिन पार्टी ने ऐन मौके पर जालंधर के आशु बांगड़ को उम्मीदवार घोषित कर दिया। आशु बांगड़ मोगा के एक निजी अस्पताल में हिस्सेदार हैं और जीरा के विधायक कुलबीर जीरा के साथ व्यवसाय के कारण अच्छी पहचान है। तमाम दावेदारों को मात देते हुए फिरोजपुर ग्राणीण से आप की टिकट पाने में सफल रहे आशु बांगड़ के सोमवार को पार्टी छोड़ने के बाद जहां टिकट के दूसरे उम्मीदवारों का रास्ता साफ हुआ वहीं चुनावों में कम समय होना पार्टी के लिए नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है।
फिरोजपुर ग्रामीण के बदले राजनीतिक समीकरण के बाद अब सबकी निगाहें भाजपा की तरफ है। भाजपा का प्रत्याशी मैदान में आने के बाद फिरोजपुर ग्रामीण के नए समीकरण बन सकते हैं। लंबे समय तक नहीं होती स्वार्थ की राजनीति : दहिया
आप के रिजर्व सीट के दावेदार एडवोकेट रजनीश दहिया ने कहा बांगड़ का इस तरह से पार्टी छोड़ना दुखदायक तो है, लेकिन इससे वर्करों में फिर चुनावी जीत के लिए जज्बा मजबूत हुआ है। स्वार्थ की राजनीति लंबे समय तक नहीं होती। फिरोजपुर ग्रामीण में उनका कांग्रेस की ओर से संभावित उम्मीदवार होना भी आम आदमी पार्टी की मजबूती बन सकता है।