30 को चक्का जाम करेंगे पीआरटीसी व पनबस कर्मी
पंजाब रोडवेज पनबस पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन पंजाब के आह्वान पर पंजाब के 27 डिपो एवं फिरोजपुर डिपो पर कर्मचारियों ने रोष रैलियां कर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : पंजाब रोडवेज पनबस, पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन पंजाब के आह्वान पर पंजाब के 27 डिपो एवं फिरोजपुर डिपो पर कर्मचारियों ने रोष रैलियां कर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों ने कहा पिछले लंबे समय से वह अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए संघर्ष कर रहे है, लेकिन आज तक उन्हें झूठे आश्वासनों के सिवाय कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि यदि अब सरकार ने 29 की कैबिनेट मीटिग में कर्मचारियों की मांगों का हल नहीं किया तो वह संघर्ष तेज करेंगे। इस मौके प्रदेश प्रधान रेशम सिंह गिल, बाज सिंह, डिपो प्रधान जतिंद्र सिंह, सचिव कंवलजीत सिंह मानोचाहल, चेयरमैन सुरजीत सिंह, कैशियर सुखपाल सिंह, सहायक कैशियर राज कुमार व उप प्रधान सौरव मैनी ने कहा कि बोर्ड एवं कार्पोरेशन एक्ट से बाहर रखकर 10 वर्षों वाला कर्मचारी विरोधी एक्ट उन्हें मंजूर नहीं है और वह इसका डट कर विरोध करेंगे।
उन्होंने कहा कि कर्मचारी मांगें पूरी न होने की सूरत में 30 नवंबर को अनिश्चित समय के लिए पनबस एवं पीआरटीसी का चक्का जाम करेंगे।
ठेका कर्मचारियों ने फूंका सरकार का पुतला जागरण टीम, फाजिल्का : ठेका कर्मचारी संघर्ष मोर्चा पंजाब के आह्वान पर फाजिल्का व जलालाबाद में विभिन्न सरकारी विभागों में कार्य करते ठेका कर्मचारियों ने सरकार का पुतला फूंक प्रदर्शन किया।
इस मौके मोर्चा के फाजिल्का नेता राजिद्र कुमार, जलालाबाद के नेता सतनाम सिंह, जसविदर सिंह, गुरमीत सिंह, अमृतपाल सिंह, शिव शंकर, नरिदर सिंह बाठ, मलकीत सिंह, छिदर सिंह, सुखचैन सिंह सोढी ने कहा कि 26 नवंबर को ठेका मुलाजिम संघर्ष मोर्चा श्री मुक्तसर साहिब में उपमुख्य मंत्री सुखजिदर सिंह रंधावा व ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिदर सिंह राजा वडिग की फेरी के दौरान लोगों के साथ किए वादों प्रति पंजाब सरकार को सवाल-जवाब करने के लिए शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहा था, जिन्हें धमकाने की कोशिशें की गई हैं। नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार ने 11 नवंबर को कच्चे मुलाजिमों को रेगुलर करने के लिए पंजाब प्रोटेक्शन एंड रेगूलराइजेशन आफ कांट्रैक्टचुअल एक्ट 2021 बनाया है, जिसमें साफ तौर पर लिख दिया गया है कि यह हमारे मुलाजिम नहीं हैं और इनको रेगुलर नहीं कर सकते। इस मामले पर मोर्चा के नेताओं की जब भी मुख्यमंत्री के साथ बात भी हुई है, तो उन्होंने कहा कि यह हमारे कर्मचारी ही नहीं है। ठेका मुलाजिमों की मांग है कि आऊटसोर्स, इनलिस्टमेंट, कंपनियों, सोसायटियों, टैंपरेरी, केंद्रीय स्कीमों के अंतर्गत पिछले 15-20 वर्षों से सरकारी विभागों में काम करते प्रत्येक कैटागरी के ठेका मुलाजिमों को रेगुलर करने वाला कानून बनाया जाए नहीं तो यह संघर्ष भविष्य में भी जारी रहेगा।