स्वच्छता सर्वेक्षण का पहला चरण पूरा होते ही अनदेखी अनदेखी शुरू
जासं, फिरोजपुर: पिछले दो महीनों से सफाई की दृष्टि से शहर को प्रदेश और देश में टॉप बनाने के लिए की जा
जासं, फिरोजपुर: पिछले दो महीनों से सफाई की दृष्टि से शहर को प्रदेश और देश में टॉप बनाने के लिए की जा रही कवायद को स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 का शहर में पहला चरण पूरा होने के बाद ही नजरअंदाज की जानी शुरू कर दी गई है।
केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय की टीम के पहले चरण की जांच करने के बाद लौटते ही कचरा जलाया जाने लगा है। वहीं सेकंडरी प्वाइंट्स पर भी अब कचरा बिखरने लगा है। हालांकि टीम से आने से पहले कचरा निस्तारण से संबंधित सभी नियमों को पूरा करने पर नगर कौंसिल की तरफ से जोर दिया जा रहा था।
फिरोजपुर डिविजन की 21 नगर निकायों में स्वच्छता सर्वेक्षण प्रस्तावित है। इसकी शुरुआत 4 जनवरी को फरीदकोट व बदनीकलां से हुई थी। इसके बाद फिरोजपुर शहर में 19 से 20 तक टीम ने विजिट की। इससे पहले सफाई पर पूरा जोर था। ताकि टीम को सब कुछ साफ सुथरा दिखे और शहर की सफाई की दृष्टि से रैं¨कग में सुधार हो सके।
अब शहर में सिविल अस्पताल रोड पर कचरा जलाया जा रहा है। वहीं इसके आसपास सरकारी क्वार्टरों के समीप कचरा खुले में बिखरा है। इस पर पशु दिनभर मुंह मारते हैं। शहर में रोजाना 45 से 50 टन कचरा निकलता है।
कचरा जलाने पर है पाबंदी, अब तक महज 23 के खिलाफ कार्रवाई:
कचरा जलाने और खुले में फेंकने पर पाबंदी है। एनजीटी ने कचरा जलाने पर पाबंदी लगा रखी है। क्योंकि इससे निकलने वाले धुएं से ज्यादा प्रदूषण होता है। सर्वेक्षण शुरू होने से पहले नगर कौंसिल ने सख्ती करते हुए कचरा जलाने और निर्धारित जगह की बजाय इधर-उधर फेंकने वाले 23 लोगों पर जुर्माने की कार्रवाई की थी। इनके द्वारा जुर्माना जमा न करवाने पर कोर्ट में चालान पेश किए गए हैं। नियमानुसार कचरा बिखेरने पर 200 रुपये और जलाने पर 1 हजार से 5 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। नगर कौंसिल के सफाई निरीक्षक सुखपाल ¨सह के अनुसार अगले दिनों में निगरानी बढ़ाई जाएगी। कचरा जलाने और बिखेरने वालों के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।
मापदंड से कम हैं सफाई कर्मी:
नगर कौंसिल के अधिकारियों के अनुसार फिरोजपुर शहर की जनसंख्या करीब सवा लाख है। नगर कौंसिल के पास 115 सफाई कर्मचारी हैं। मापदंडों के अनुसार 350 लोगों पर एक सफाई कर्मी होना चाहिए। लेकिन शहर में मौजूदा स्थिति में 1086 लोगों पर एक सफाई कर्मचारी है। मापदंड पूरे करने के लिए सफाई कर्मचारियों की संख्या 360 चाहिए। यानि अभी 245 कर्मचारी कम है।
अधिकारियों के अनुसार कर्मचारियों की कमी की वजह से भी सफाई को काम प्रभावित होता है।
पहले फास्टेस्ट मू¨वग में टॉपर व सफाई में 5वां रैंक था:
पिछले वर्ष हुए स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 में में फिरोजपुर शहर का कचरे
की फास्टेस्ट मू¨वग कें उत्तर भारत में टॉप रैं¨कग थी। सफाई की दृष्टि से पंजाब में 5 वां और भारत में 222 वां स्थान था। तब स्वच्छता सर्वेक्षण में 500 शहर शामिल किए थे। अब देशभर के 4041 शहर शामिल किए गए हैं।