Move to Jagran APP

फिरोजपुर में नहीं बनी कभी कोई महिला विधायक

आजादी के 75 वर्ष बाद भी विधानसभा क्षेत्र फिरोजपुर शहरी से आजतक कोई महिला विधायक नहीं बनी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 10:38 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 10:38 PM (IST)
फिरोजपुर में नहीं बनी कभी कोई महिला विधायक
फिरोजपुर में नहीं बनी कभी कोई महिला विधायक

संवाद सूत्र, फिरोजपुर : आजादी के 75 वर्ष बाद भी विधानसभा क्षेत्र फिरोजपुर शहरी से आजतक कोई महिला विधायक नहीं बनी। 1997 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अकाली दल छोड़कर आई बीबी शविदर कौर जौहल को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन वह भाजपा के प्रत्याशी गिरधारा सिंह से बुरी तरह से पराजीत हुई थी। इसके अलावा किसी भी पार्टी ने आज तक महिला कैंडिडेट को चुनाव मैदान में नहीं उतारा है।

loksabha election banner

इतना ही नहीं देश का संविधान बनने के बाद जब 1951 में पहली विधानसभा के चुनाव हुए तो उस वक्त कांग्रेस के हरनाम सिंह ने आजाद प्रत्याशी प्रीतम सिंह को हराया था। भारतीय जनसंघ के गठन के बाद 1957 में कांग्रेस के कुंदन लाल ने जनसंघ के मनोहर लाल को हराया था। 1962 में कुलबीर सिंह जनसंघ के पहले विधायक बने थे और उन्होनें कांग्रेस प्रत्याशी को 3875 वोटों से हराया था। पंजाब की 15 असेंबली चुनावों के इतिहास पर नजर दौड़ाई जाए तो फिरोजपुर में 10 बार दो परिवारों सैनी और शर्मा परिवार का वर्चस्व रहा। पार्टी चाहे कोई भी रही हो, पांच बार पंडित बाल मुकंद शर्मा ने इस सीट पर जीत दर्ज की और पांच बार सैनी परिवार के बाप-बेटे गिरधारा सिंह व सुखपाल सिंह ने सीट जीती।

गिरधारा सिंह थे कांग्रेसी तो पंडित बालमुकंद थे जनसंघ में

वर्ष 1977 व 1997 में भाजपा की टिकट पर जीते गिरधारा सिंह किसी समय कांग्रेस पार्टी की ओर से चुनाव लड़ते थे, जबकि वर्ष 1972, 1980, 1985 व 1992 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते पंडित बाल मुकंद शर्मा भी किसी समय भारतीय जनसंघ से चुनाव लड़ते रहे हैं। 1967 के विस चुनाव में गिरधारा सिंह कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़े और जनसंघ के बाल मुकंद शर्मा को मात दी, 1972 में भी शर्मा ने जनसंघ की टिकट पर और गिरधारा सिंह ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। इसके बाद 1977, 1980 और 1985 के चुनाव में शर्मा कांग्रेस के प्रत्याशी रहे जबकि गिरधारा सिंह भाजपा के। अब भी महिलाएं नजर अंदाज

2022 विधानसभा चुनाव में प्रमुख पार्टियों ने महिलाओं टिकट देने में नजरअंदाज किया है। आम आदमी पार्टी ने जहां रणबीर सिंह भुल्लर को टिकट दी है तो वहीं अकाली दल ने रोहित उर्फ मोंटू वोहरा व विश्वास जताया है। कांग्रेस ने तीसरी बार परमिदर सिंह पिंकी पर दांव खेला है तो भाजपा किसी पुरुष को ही टिकट देने की फिराक में है।

00छीना झपटी रोकने में नाकाम रहे नेता

चुनावों में महिलाओं को अधिकार दिलवाने के लंबे-चोड़े वादे करने वाले नेता पिछले कुछ समय में छीना झपटी लूटपाट जैसी घटनाओं को रोकने में नाकाम साबित हुए है। महिलाओं का बेखौफ होकर घर से निकलना मुश्किल हो गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.