सीमावर्ती जिले में युवाओं के लिए नहीं रोजगार
सीमावर्ती जिले फिरोजपुर को पिछले लंबे समय से इंडस्ट्री की दरकार है।
संवाद सहयोगी. फिरोजपुर : सीमावर्ती जिले फिरोजपुर को पिछले लंबे समय से इंडस्ट्री की दरकार है। इंडस्ट्री न होने से युवाओं को बेरोजगारी की मार झेलनी पड़ रही है। बेरोजगारी के कारण ही जिले के युवा नशे की दलदल में धंस रहे हैं। जिले में अधिकतर लोगों का पेशा किसानी ही है, जबकि अन्य रोजगार के लिए युवाओं को घर छोड़कर बाहरी जिलों में भी जाना पड़ रहा है।
सरकार यदि सीमावर्ती इलाके में इंडस्ट्री लगाने लगाए तो इलाके के युवाओं को भविष्य का राह नजर आएगा। हालांकि चुनावों के दौरान उम्मीदवार जिले का विकास और बड़े प्रोजेक्ट लाने के झूठे वादे करते रहे हैं लेकिन नतीजा सबके सामने है। रोजगार और इंडस्ट्री का मुद्दा फिरोजपुर के लिए अहम है। रोजगार न होने के कारण निराशा कारण युवा नशे के दलदल में भी धंस जाते हैं। जिले के कई परिवार नशे के कारण अपने बच्चों को खो चुके हैं। इंडस्ट्री आने से ही सुधरेंगे हालात : सन्नी
कसूरी गेट निवासी सन्नी ने कहा रोजगार हर घर के लिए जरूरी है। काम न होने कारण कई परिवारों को आर्थिक मंदहाली से गुजरना पड़ रहा है। इलाके में इंडस्ट्री होगी तो ही हालात सुधरेंगे। हर बार चुनाव में किए जाते हैं इंडस्ट्री लाने का वादे : कुलदीप
कुलदीप चंद ने कहा इंडस्ट्री इलाके के विकास के लिए भी जरूरी है। इंडस्ट्री होगी तो विकास होगा। फिरोजपुर के तो फोकल प्वाइंट का ही बुरा हाल है। हर बार चुनाव में इंडस्ट्री लगाने के वादे होते है, लेकिन नजीता जीरो रहता है। सरकारों ने नहीं उठाए कोई कदम
मुनीश मूंगा ने कहा हर जिले के आर्थिक हालात वहां की इंडस्ट्री पर निर्भर होते है। फिरोजपुर सीमावर्ती इलाका है और पिछड़ा हुआ है। इलाके के विकास के लिए राज्य सरकारों ने कोई विशेष कदम नहीं उठाए। चुनाव में ही सक्रिय होती है सरकार : साहिल
साहिल मूंगा ने कहा केवल सड़कें और पार्क बनने को विकास नहीं कहा जा सकता। लोगों का जीवन स्तर कितना ऊंचा उठा है यह देखना जरूरी है। विकास तो इंडस्ट्री के साथ ही हो सकता है। सरकार को घोषणा के मुताबिक काम करना चाहिए न कि केवल चुनावों में इसका जिक्र करना चाहिए।