Move to Jagran APP

मल्टीपर्पज हेल्थ इंप्लाइज यूनियन ने सौंपा मांगपत्र

मल्टीपर्पज हेल्थ इंप्लाइज यूनियन ने सतपाल सिंह की अध्यक्षता में मल्टीपर्पज कर्मचारियों ने मांगों को लेकर सिविल सर्जन को मांगपत्र सौंपा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 11:46 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 06:14 AM (IST)
मल्टीपर्पज हेल्थ इंप्लाइज यूनियन ने सौंपा मांगपत्र
मल्टीपर्पज हेल्थ इंप्लाइज यूनियन ने सौंपा मांगपत्र

जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : मल्टीपर्पज हेल्थ इंप्लाइज यूनियन ने सतपाल सिंह की अध्यक्षता में मल्टीपर्पज कर्मचारियों ने मांगों को लेकर सिविल सर्जन को मांगपत्र सौंपा। मुख्यमंत्री से पूरा करवाने की मांग की।

loksabha election banner

सतपाल सिंह व अमरजीत कौर ने बताया कि मल्टीपर्पज की जायज मांगे जैसे कि नव-नियुक्त मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर मेल का जांच पीरियड दो वर्ष करने, सेहत विभाग में काम करते मल्टीपर्पज मेल व फीमेल को बिना शर्त पक्का करने, मल्टीपर्पज केडर का नाम बदलने संबंधी, मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों की खाली पोस्टें भरने, सीनियरता सूची जारी करने, पुरानी पैंशन बहाल करने के साथ-साथ अन्य जायज मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है और इस संबंध में सेहत मंत्री से कई बार बात करने पर भी उनकी मांगों को हल न हीं निकल रहा है। जिसके चलते उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि आज मुख्यमंत्री को भेजे गए मांगपत्रों के पश्चात भी सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो वह आने वाले समय में

मीटिग करके सरकार के खिलाफ संघर्ष करने का बिगुल बजा देंगे। जिसकी सारी जिम्मेवारी सरकार की होगी। इस मौके पर रमन अतरी, प्रीतम सिंह, अमरजीत सिंह, इंद्रजीत थिद, मनिद्र सिंह, महिद्रपाल, गुरप्रीत सिंह, रमेश कुमार, निहाल सिंह, जजबीर सिंह, गुरसेवक सिंह, सुखविंद्र सिंह, अमरजीत कौर, दलजीत कौर, शविंद्र कौर, माला रानी, बेअंत कौर, रणजीत कौर, सरोज रानी, सोनू, मंगल, परमजीत सिंह, स्वर्ण सिंह, राजिंद्र सिंह, परमजीत कौर आदि मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.