गर्मियों में दूध की पैदावार हो जाती है कम
कोरोना के कारण बाजारों में मिठाइयों की बिक्री कम होकर रह गई है। इसका मुख्य कारण यह है कि विवाह शादी व अन्य समारोह बंद हो गए हैं।
संवाद सहयोगी, अबोहर :कोरोना के कारण बाजारों में मिठाइयों की बिक्री कम होकर रह गई है। इसका मुख्य कारण यह है कि विवाह शादी व अन्य समारोह बंद हो गए हैं। कोरोना में लोगों ने मिठाइयां भी खानी कम कर दी है। इस कारण मिठाइयों की डिमांड में कमी आई है। जाहिर है इस कारण मिठाइयों में दूध की खपत भी कम हुई है।
होटल एसोसिएशन व बेकरी एसोसिएशन के प्रधान रोहताश गुप्ता से बात करने पर उन्होंने बताया कि गर्मियों में दूध की पैदावार रूटीन में कम हो जाती है। गर्मियों में भैंसें व गाय दूध देना कम कर देती हैं। इस कारण गर्मियों में दूध की पैदावार कम हो जाती है व किसान दूध बेचना या तो कम कर देते हैं या कम कर देते हैं। गर्मियों में मिठाइयों की मांग भी कम हो जाती है जिस कारण उसके हिसाब से ही मिठाइयां तैयार की जाती हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा गर्मियों में काफी मात्रा में दूध की खपत कुल्फी व आइसक्रीम, शेक, मिलक बादाम इत्यादि उत्पादन में होने लगता है, जो लोकल स्तर पर ही तैयार किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि इस कारण अगर दूध की मांग में कुछ कमी आई है तो यह दूध उसमें खपत होने लगा है। उन्होंने कहा कि इसमें इंकार नहीं किया जा सकता कि त्योहारी सीजन में कुछ लोग नकली खोया, पनीर इत्यादि तैयार करने से नहीं हिचकचाते पर गर्मियों में दूध की पैदावार कम होने से दूध की डिमांड कम होने से कोई ज्यादा दूध बढ़ने वाली बात नहीं। उन्होंने कहा कि गर्मी में घरों में भी दूध की खपत बढ़ जाती है क्योंकि लोग काफी पेयपदार्थ घर पर तैयार करने लगते हैं। उधर जिला स्वास्थ्य अधिकारी गगनदीप कौर का कहना है कि समय समय पर इस बात की जांच की जाती है व दूध वगैरह के सैंपल भी लिए जाते हैं।