Move to Jagran APP

पराली का करें सही प्रबंधन : डा.बलविंदर

कुदरत के साथ छेड़छाड़ मानव को महंगी पड़ रही है समय की बचत को लेकर जहां मानव ने अधिक खाद और दवा डालकर अपनी फसल का झाड़ बढ़ाया वहीं आए दिन नई बीमारियों को न्योता भी दे रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 03:28 PM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 03:28 PM (IST)
पराली का करें सही प्रबंधन : डा.बलविंदर
पराली का करें सही प्रबंधन : डा.बलविंदर

संवाद सूत्र, मक्खू (फिरोजपुर) : कुदरत के साथ छेड़छाड़ मानव को महंगी पड़ रही है, समय की बचत को लेकर जहां मानव ने अधिक खाद और दवा डालकर अपनी फसल का झाड़ बढ़ाया, वहीं आए दिन नई बीमारियों को न्योता भी दे रहा है। यह बात मक्खू में किसानों को जागरूक करते खेती विभाग के डा. बलविदर सिंह ने कहीं।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि पराली के धुएं के साथ मधु मक्खी पालकों का भी बड़े स्तर पर नुक्सान होता है। पराली न जलाने से खेत की मिट्टी की ऊपजाऊ शक्ति बढ़ती है और किसान की फसल उपज अधिक होती है, जिस की मिसाल गांव जल्लेवाला के किसान जगतार सिंह, सतनाम सिंह, गगनदीप सिंह, हरविंदर सिंह, इंद्रजीत सिंह, परमजीत सिंह, करमजोध सिंह, कुलराज सिंह दे रहे हैं, जोकि पिछले तीन साल से गेहूं और पराली के अवशेष खेतों में ही मिला रहे हैं। इंस्पेक्टर भूपिंदर सिंह ने कहा कि जगतार सिंह जल्लेवाला और अन्य किसान किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन रहे हैं। इनसे किसानों को सीख लेनी चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.