कोरोना संक्रमितों के लिए बनाई रसोई, रोजाना 800 लोगों तक पहुंचा रहे खाना
पेशे से होटल व्यवसायी रोज ग्राहकों के लिए इंतजाम करना लेकिन कोरोना में सब बंद। सामाजिक संस्था फिरोजपुर फाउंडेशन तो साथ थी लेकिन तब ध्यान में आया कि जो लोग होटल में खाना खाते थे वो अब घर में हैं और जो जरूरतमंद थे वो कैसे पेट पाल रहे है।
संजय वर्मा, फिरोजपुर: पेशे से होटल व्यवसायी, रोज ग्राहकों के लिए इंतजाम करना लेकिन कोरोना में सब बंद। सामाजिक संस्था फिरोजपुर फाउंडेशन तो साथ थी, लेकिन तब ध्यान में आया कि जो लोग होटल में खाना खाते थे वो अब घर में हैं और जो जरूरतमंद थे वो कैसे पेट पाल रहे है। बस इसी के लिए सिविल अस्पताल फिरोजपुर पहुंचे तो पता चला कि कोरोना संक्रमितों को सरकारी खाने की सुविधा तो है, लेकिन उनके जरूरतमंद तीमारदारों और होम आइसोलेट के लिए कोई साधन नहीं। शुरुआत में कोरोना के डर से लोग संक्रमितों के घर के पास से नहीं निकलते थे। बस फिर क्या था एक ऐसी रसोई बनाई जो कोरोना संक्रमितों को सेहत विभाग की डाइट गाइड लाइन के मुताबिक खाने परोसे वो भी उनके घर तक।
फिरोजपुर के व्यवसायी शैलेंद्र कुमार ने आज भी उस रसोई को जात, धर्म से अलग रखा है और रोजाना 800 के करीब जरूरतमंदों को खाना दिया जाता है। ये फिरोजपुर फाउंडेशन का प्रयास शैलेंद्र ने पूरा किया और करीबन एक साल पहले शुरू की गई इस रसोई में हर धर्म, हर जाति वर्ग के लिए खाना उपलब्ध है। सिविल अस्पताल में रोजाना जरूरतमंदों को भोजन परोसने के अलावा होम डिलीवरी की भी व्यवस्था तैयार की गई है। शहर के प्रतिष्ठत व्यक्ति अपने वाहनों पर जरूरतमंदों यहां तक कि कोरोना संक्रमितों को भोजन डिलीवर करते हैं। शैलेद्र कुमार कुमार ने कहा समाज में सद्भाव होना जरूरी है। हमारी रसोई किसी एक वर्ग के लिए नहीं बल्कि हर जरूरतमंद के लिए है। सुप्रीम कोर्ट ने कम्यूनिटी किचन ने बनाने के आदेश दिए तो लगा जैसे नया मुकाम मिला और हमारा निर्णय देश हित में है।