खुलेआम घूम रहे संक्रमित पशु फैला रहे बीमारी
जिले में लंपी स्किन बीमारी लगातार पशुओं को अपनी चपेट में ले रही है जिस कारण जहां गोशाला संचालक परेशान हैं
संस, फिरोजपुर : जिले में लंपी स्किन बीमारी लगातार पशुओं को अपनी चपेट में ले रही है, जिस कारण जहां गोशाला संचालक परेशान हैं, वहीं सड़कों पर घूम रहे संक्रमित पशु भी बीमारी को बढ़ा रहे हैं, जिनकी रोकथाम के लिए प्रशासन की ओर से कोई प्रयास नहीं किए जा रहे। फिरोजपुर जिले में 13 गोशालाएं है जिनमें लगभग 2500 से करीब पशु धन है।
पशु पालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जसवंत सिंह राय के अनुसार जिले में अब तक लंपी स्किन बीमारी से पांच पशुओं की मौत हुई है, जबकि 568 पशु संक्रमित हो चुके हैं। अब तक 290 पशु ठीक हो चुके है। ज्यादा वायरस गायों में देखने को मिला है और यह गोशालाओं में ज्यादा बढ़ रहा है। जिले में 57 डाक्टरों में से केवल 12 डाक्टर ही हैं जो दिन रात मेहनत कर रहे है। उन्होंने बताया कि बीमारी की रोकथाम के लिए जिले में टीमों का गठन किया गया है, जिनमें 45 वैटरनरी इंस्पेक्टर और 12 डाक्टर ही काम करे रहे हैं।
गोशाला संचालक बोले, जांच के लिए नहीं पहुंचा कोई
जीरा की गोशाला के संचालक रामस्वरूप और चरणजीत सिंह ने बताया कि छह गाय इस बीमारी से पीड़ित है,ं जिनका उपचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि आठ दिन पहले कुछ गाय बीमार हुई और उनको हल्का बुखार हुए, बाद में सारे शरीर पर लंपी स्किन की बीमारी के लक्षण सामने आ गाए, जबकि इस बीमारी को जांचने और देखने कोई सरकारी अधिकारी या डाक्टर नहीं पहुंचा। फिरोजपुर की गोशाला में ही एक गाय व तीन बछड़ों की हो चुकी है मौत
वहीं गोपाल गोशाला फिरोजपुर छावनी के प्रबंधक ने बताया कि गोशाला में 50 गाय इस बीमारी से ग्रसित हैं और उनका इलाज चल रहा है। एक गाय और तीन बछडों की इस बिमारी से मौत हो चुकी है। बीमार गायो को अलग रखा जाता है और उनके चारे की व्यवस्था भी अलग की जाती है। डीसी ने लगाई है सड़कों पर पशु चराने पर पाबंदी
डिप्टी कमिश्नर अमृत सिंह ने कुछ दिन पहले आदेश जारी किए थे कि सड़कों पर पशुओं को चराने के लिए नहीं छोड़ा जाएगा, लेकिन लोग अपने पशुओं को सड़को पर चरा रहे हैं, जिस कारण भी बीमारी बढ़ रही है। बीमार पशुओं को रखें अलग, पशु पालक करें सैनिटाइजर व मास्क का इस्तेमाल
पशु पालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जसवंत राय ने कहा कि बीमारी को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। बीमार पशुओं को पहल के आधार पर सेहतमंद पशुओं से अलग किया जाए। चाहे इस बीमारी से मनुष्यों को कोई नुकसान नहीं है, फिर भी पशुओं की देखभाल करने वाले पशुपालकों को हैंड सैनिटाइजर, दस्ताने, फेस मास्क का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पशु पालकों को सलाह दी कि वह तंदरुस्त गायों को गोट पोक्स वैक्सीन लगवाएं।
गोशाला वालों को लिखा है पत्र : सेनेटरी इंस्पेक्टर नगर कौंसिल के सेनेटरी इंस्पेक्टर सुखपाल सिंह ने कहा कि जब पशुपालन विभाग हमें संक्रमित पशुओं के बारे में नही बताएगा तो हमें कैसे पता लगेगा कि कौन सा पशु बीमारी से ग्रसित है। बेसहारा पशुओं के सड़को पर घूमने पर उन्होंने कहा कि हम तभी इन्हें पकड सकते हैं, जब कोई गोशाला वाला इसे रखने के लिए तैयार हो वर्ना हम उन्हें पकड कर कहां रखेंगे। इसके लिए हमने सभी गोशाला वालों को पत्र भी लिखा था कि जो भी गोशाला इन बेसहारा पशुओं रखेगी उसे काउ सेस में से राशि दी जाएगी।