मंडियों में शुरु हुई गेहूं की खरीद, बिना मास्क के दिखे विधायक
कोरोना महामारी के चलते गेहूं की खरीद शुरू करवाई गई।
दर्शन सिंह, फिरोजपुर :
कोरोना महामारी के चलते गेहूं की खरीद को लेकर मंडियों में कोविड गाइडलाइन का पालन करवाने के प्रशासनिक दावे मीटिगों में ही सिमटे नजर आये। जबकि हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत नजर आई। रविवार को शहर व छावनी की मंडियों में गेहूं की खरीद शुरू करवाने पहुंचे डीसी से लेकर विधायक तक ने कोविड गाइडलाइन को नजरअंदाज कर दिया। डीसी ने भले ही मास्क पहन रखा था, लेकिन शहरी हलके के विधायक परमिदर सिंह पिकी बिना मास्क के नजर आये।
यही नहीं सोशल डिस्टेंसिग को भी अधिकारी व नेता भूल गये और फोटो खिचवाने के लिए एक दूसरे के साथ जुड़े नजर आए। ऐसी स्थिति देख कर यहीं कहा जा सकता था कि कोविड की गाइडलाइन आमजन के लिए है न कि अधिकारियों व सत्तापक्ष ने नुमाइंदों के लिए। खरीद के दौरान अधिकतर लोग बिना मास्क के नजर आये। इसके अलावा मंडियों में जितने भी किसान गेहूं लेकर आये वे बिना एंट्री पास के ही पहुंचे। संबंधित विभाग के अधिकारियों की तरफ से किसानों को पास ही जारी नही किये थे। इसके अलावा किसानों को मास्क व सैनेटाइज भी प्रोवाइड नहीं करवाया गया।
दूसरी ओर 10 दिन पहले ही लेट की गई गेंहू की खरीद का शुभारंभ 11 अप्रैल के दिन शहर व छावनी की मंडियों में किया गया और खरीद का उद्घाटन करने के लिए विधायक परमिदर सिंह पिकी और डिप्टी कमिश्नर गुरपाल सिंह चाहल पहुंचे। इस मौके उनके साथ एसडीएम अमित गुप्ता भी उपस्थित थे। दोनों खरीद केंद्रों में खरीद का आगाज करने के बाद विधायक पिकी ने कहा कि इस बार गेहूं का सरकारी भाव 1975 रुपए प्रति क्विंटल है और गेहूं के दानों में नमी की मात्रा 12 प्रतिशत से ज्यादा न हो।
उन्होंने इस साल भी पिछले साल की तरह किसानों को प्रविष्टि के पास जारी किये जा रहे हैं जिससे कोविड के मद्देनजर मंडियों में भीड़ न हो। पिकी ने आगे बताया कि गेहूं की निर्विघ्न खरीद, लिफ्टिग और समय पर अदायगी के लिए सख्त निर्देश मुख्यमंत्री की तरफ दिए गए हैं। इस मौके वाइस चेयरमैन राजेंद्र छाबड़ा, बलवीर बाठ चेयरमैन, पार्षद रिकू ग्रोवर, कांग्रेसी नेता याकूब भट्टी के अलावा अलग -अलग खरीद एजेंसियों के अधिकारी, आढ़ती और किसान उपस्थित थे। खातों में सीधी अदायगी सरकार का गलत फैसला
गांव किलचा के किसान सुखदेव सिंह, गांव आंसल के निरंजन सिंह और बस्ती कंबोज नगर के किसान रतन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार का किसान के खातों में सीधी अदायगी करने का फैसला गलत है क्योंकि सरकार तो फसल की खरीद तक ही पेमेंट की अदायगी करेगी जबकि आढ़तियों से जब जी चाहे पैसे ले सकते हैं। वे सरकार के फैसले से सहमत नही हैं, किसानों और आढ़तियों का नाखून मांस का रिश्ता है।