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किसानों ने की 10 घंटे बिजली की मांग

फिरोजपुर : सरकार द्वारा लगाई पाबंदी का समय खत्म होने के बाद बुधवार से धान की रोपाई शुरू हो चुकी है। पहले दिन ग्रामीण क्षेत्र में जगह जगह धान की रोपाई होती देखी गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 10:52 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 10:52 PM (IST)
किसानों ने की 10 घंटे बिजली की मांग
किसानों ने की 10 घंटे बिजली की मांग

जासं, फिरोजपुर : सरकार द्वारा लगाई पाबंदी का समय खत्म होने के बाद बुधवार से धान की रोपाई शुरू हो चुकी है। पहले दिन ग्रामीण क्षेत्र में जगह जगह धान की रोपाई होती देखी गई। किसानों ने रोपाई शुरू होने के साथ ही ट्यूबवेलों के लिए बिजली आपूर्ति का समय 8 घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे प्रतिदिन करने की मांग की है। इस बार धान की रोपाई की मजदूरी पिछले साल की अपेक्षा बढ़ी है। जिले में 1.83 लाख हैक्टेयर में धान की रोपाई होने संभावना है। कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी कि वे पीएयू लुधियाना द्वारा अनुमोदित धान की किस्मों की ही बिजाई करें। इसक अलावा अन्य किस्मों की बिजाई करने से परहेज करें। चूंकि इससे फसल का नुकसान होने का अंदेशा रहता है।

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जिले में पिछले वर्ष भी 1.83 लाख हैक्टेयर धान की रोपाई हुई थी। तब परमल धान का रकबा 1.53 लाख हैक्टेयर और बासमती किस्मों का रकबा 25 हजार हैक्टेयर था। इस बार भी बासमती के प्रति ज्यादा रुझान नहीं होने की उम्मीद है। मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. बल¨वद्र ¨सह बराड़ ने बताया कि पीएयू लुधियाना ने पंजाब के लिए धान की किस्म पीएयू 121, 122, 124, 126 और पीएयू 127 का अनुमोदन किया है। जो कम पानी में पकती हैं। इन किस्मों के पकाव का समय 123 दिनों से लेकर 132 दिन की अवधि है। मुख्य कृषि अधिकारी के अनुसार कुछ अन्य किस्में जो पंजाब के लिए अनुमोदित नहीं है, उनके पकाव की अवधि 160 दिन तक भी है। इससे इन किस्मों को पानी की जरूरत ज्यादा पड़ती है और खरीद के समय पकाव न होने से किसानों को बेचने में परेशानी होती है। इसी वजह से किसानों को गैर अनुमोदित किस्मों की रोपाई नहीं करनी चाहिए।

कृषि अधिकारियों के अनुसार रोपाई का उपयुक्त समय 30 जून है। इसके बाद भी 15 जुलाई तक पछेती रोपाई की जा सकती हे। जुलाई के दूसरे सप्ताह के बाद रोपाई करने से उत्पादन कम होने की आशंका रहती है।

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400 रूपए प्रति हैक्टेयर तक बढ़ी मजदूरी

गांव झोक हरिहर निवासी भारतीय किसान यूनियन (एकता सिधुपुर ) के ब्लॉक प्रधान पुष्पेंद्र ¨सह ने बताया कि इस बार धान की रोपाई की मजदूरी भी बढ़ चुकी है।पिछले वर्ष प्रति एकड़ धान रोपाई की मजदूरी 2 हजार रूपए थी। इस बार इसका रेट 2400 रूपए प्रति एकड़ तक मांगा जा रहा है। अब रोपाई के लिए पॉवरकाम की ओर से तीन पारियों का शेड्यूल बनाकर 8 घंटे बिजली दी जा रही है। किसान रोपाई के दिनों में 10 घंटे प्रतिदिन बिजली आपूर्ति की मांग कर रहे हैं। ताकि रोपाई का काम जल्द ही पूरा हो सके।


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