Move to Jagran APP

सिविल अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन करने लगी काम, महंगे टेस्ट से मिलेगा निदान

फिरोजपुर : 25 अक्टूबर से जाम पड़ी सिविल अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन को सेहत अधिकारियों ने ठीक करवा दिया है और शनिवार को ठीक हुई इस मशीन का सीधा असर उन जरूरतमंद लोगों का पर पड़ा जो निजी संस्थाओं से महंगा टेस्ट करवाने को मजबूर थे । खासकर नि:शुल्क सुविधा लेने वाली गर्भवती महिलाओं को जिन्हें सरकार की तरफ से टेस्ट व इलाज की मुफ्त सुविधा प्रसव तक दी गई है । मशीन के दुरुस्त होने से सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करवाने आने वाले मरीजों ने भी राहत की सांस ली है ।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 11:41 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 11:41 PM (IST)
सिविल अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन करने लगी काम, महंगे टेस्ट से मिलेगा निदान
सिविल अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन करने लगी काम, महंगे टेस्ट से मिलेगा निदान

संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : 25 अक्टूबर से जाम पड़ी सिविल अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन को सेहत अधिकारियों ने ठीक करवा दिया है और शनिवार को ठीक हुई इस मशीन का सीधा असर उन जरूरतमंद लोगों का पर पड़ा जो निजी संस्थाओं से महंगा टेस्ट करवाने को मजबूर थे । खासकर नि:शुल्क सुविधा लेने वाली गर्भवती महिलाओं को जिन्हें सरकार की तरफ से टेस्ट व इलाज की मुफ्त सुविधा प्रसव तक दी गई है । मशीन के दुरुस्त होने से सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करवाने आने वाले मरीजों ने भी राहत की सांस ली है ।

loksabha election banner

यहां बताते चले कि 20 दिनों से खराब पड़ी सिविल अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन के ठीक न होने से लोगों को खासकर गर्भवती महिलाओं को टेस्ट करवाने के लिए निजी संस्थानों का रुख करना पड़ रहा था और उन्हें कम कीमत व फ्री में होने वाले इस टेस्ट के लिए साढ़े सात सौ रुपये तक देने को मजबूर होना पड़ रहा था । लोगों को पेश आ रही इसी समस्या को लेकर दैनिक जागरण की तरफ से 16 नवंबर के प्रकाशन में समाचार को प्रमुख्ता के प्रकाशित किया था जिसके चलते सेहत अधिकारियों की तरफ से मशीन को ठीक करवा दिया गया ।

दूसरी तरफ सीनियर मे़डिकल अफसर प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि उनका यही प्रयास रहता है कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को किसी तरह की सुविधा से महरूम न रहने दिया जाए । उन्होंने कहा कि मशीन खराब होने का जहां मरीजों को परेशानी हुई वहीं उन्हें भी मशीन के ठीक करवाने का फ्रिक शुरू हो गया और समाचार छपने के बाद तो उन्होंने मशीन को जल्द से जल्द ठीक करवाने का प्रयास और तेज कर दिया । अब मशीन ने काम करना शुरू कर दिया है और टेस्ट करवाने वाले लोगों को पेश आ रही समस्या से राहत मिली है।

अस्पताल से निशुल्क तो बाजार में टेस्ट की कीमत 750 रुपये तक--

राहत की सांस लेने वाले लोगों का कहना था कि अस्पताल में होने वाले गर्भवती महिलाओं के लिए यह टेस्ट फ्री में है जबकि बाजार से इसी टेस्ट की कीमत करीब साढ़े सात सौ रुपये तक है । दो साल पहले भी मशीन खराब हो गई थी और इसे बदलकर फिलिप्स की मशीन लाई गई और यह भी बार बार खराब हो रही थी । कंपनी की तरफ से मैकेनिक तो भेजे जाते है ,लेकिन इसके बावजूद मशीन काम करना बंद कर देती । अब मशीन ठीक हो गई है और यह कितने दिन ठीक रहेगी कहा नही जा सकता । फिलहाल उन्हें महंगे टेस्ट से जरूर राहत मिली है ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.