एलएचएस निर्माण के काम ने पकड़ी रफ्तार
फिरोजपुर : मानवरहित रेलवे फाटकों को खत्म करने की दिशा में निर्धारित लक्ष्य के तहत फिरोजपुर मंडल रेलवे ने काम तेज कर दिया है।
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : मानवरहित रेलवे फाटकों को खत्म करने की दिशा में निर्धारित लक्ष्य के तहत फिरोजपुर मंडल रेलवे ने काम तेज कर दिया है। फिरोजपुर-बठिंडा सेक्शन पर फिरोजपुर-कासुबेग रेलवे स्टेशनों के बीच रविवार को दो मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग की जगह एलएचएस बनाए गए। तीन राज्यों में फैले फिरोजपुर मंडल रेलवे के परिचालन क्षेत्र में वर्तमान समय में कुल 278 मानवरहित रेलवे क्रॉ¨सग हैं, जिनमें से 27 को पहले ही खत्म कर उनकी जगह पर एलएचएस यानी 'लो हाइट सब-वे' बना दिए गए हैं, जबकि 22 को डायवर्ट कर देने के साथ 21 मानवरहित रेलवे क्रॉ¨सगों को खत्म कर उनकी जगह पर एलएचएस बनाने का कार्य चल रहा है। इसी में से दो जगहों पर रविवार को एलएचएस बना दिए गए। इसके लिए रेलवे द्वारा आठ घंटे तक रूट पर ब्लाकेज लिया गया था। एलएचएस बनाए जाने के उपरांत रेलगाड़ियों का परिचालन बहाल हुआ। डीआरएम विवेक कुमार ने बताया जिन मानवरहित रेलवे क्रॉ¨सगों पर एलएचएस बना पाना अभी संभव नहीं हो पा रहा है वहां पर गेट मित्र तैनात किए जा रहे हैं।
एलएचएस के फायदे
मानवरहित रेलवे फाटकों की जगह एलएचएस बनाए जाने से रेलगाड़ियों की स्पीड बढ़ेगी, क्योंकि अक्सर ही देखा जाता था कि वाहनों व पशुओं के क्रॉस करने के दौरान रेलगाड़ियों के ड्राइवर या तो स्पीड कम करते थे, या फिर पहले ही रेलगाड़ी को रोक देते थे। एलएचएस बनने से एक ओर जहां रेलगाड़ियों की स्पीड बढ़ेगी वहीं हादसों की आशंका भी कम रहेगी। रेलगाड़ियों के आवागमन के दौरान लोगों को अब रेलवे ट्रैक क्रॉस करने के लिए रेलगाड़ी के चले जाने तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बल्कि आसानी से वे एलएचएस के माध्यम से ट्रैक के नीचे से क्रॉस हो सकेंगे।