बैनर आफ रियल्टी के सहारे फैक्ट्री वर्करों ने शुरू किया संघर्ष
जीरा की शराब फैक्ट्री के बाहर किसानों के पक्के धरने को उठवाने लिए वर्करों ने बैनर आफ रियलिटी की लड़ाई शुरू की है। शराब फैक्ट्री में वाटर ट्रीटमेंट तमाम प्रबंधों की जानकारी का बैनर लेकर मुलाजिम फैक्ट्री खोलने की अपील कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जीरा (फिरोजपुर) : जीरा की शराब फैक्ट्री के बाहर किसानों के पक्के धरने को उठवाने लिए वर्करों ने बैनर आफ रियलिटी की लड़ाई शुरू की है। शराब फैक्ट्री में वाटर ट्रीटमेंट तमाम प्रबंधों की जानकारी का बैनर लेकर मुलाजिम फैक्ट्री खोलने की अपील कर रहे हैं।
किसान संगठनों ने जीरा के गांव मंसूरवाला में लगी शराब फैक्ट्री के कारण पानी दूषित होने का आरोप लगाया है। विरोध में किसान पिछले दो सप्ताह से फैक्ट्री के बाहर धरने पर बैठे हैं। किसान फैक्ट्री में किसी को आने जाने नहीं दे रहे। इस कारण फैक्ट्री में बंद पड़ी लेबर को खाने के लाले पड़ रहे हैं। वही फिरोजपुर की डिप्टी कमिश्नर अमृत सिंह ने कहा हालात संवेदनशील जरूर हैं, लेकिन फैक्ट्री के अंदर मुलाजिमों को बड़ी परेशानी नहीं हो रही। जिला प्रशासन नहीं चाहता किसी भी तरह से माहौल खराब हो। इसलिए रोजाना किसान संगठनों से चार-पांच घंटे बातचीत चलती रहती है। डीसी ने कहा किसानों के एक मंच पर न आने कारण बातचीत अभी फाइनल नहीं हो सकी।
उधर, रोजगार न होने कारण शराब फैक्ट्री के मुलाजिम किसानों के सामने फैक्ट्री के बाहर धरने पर बैठ गए है। किसानों के धरने कारण दो सप्ताह से बंद शराब फैक्ट्री को खोलने के लिए प्रबंधन और मुलाजिमों ने तमाम कोशिशें कर ली है। हाईकोर्ट ने फैक्ट्री के 300 मीटर दायरे के अंदर धरना न देने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद किसान फैक्ट्री के आगे धरने से नहीं उठे। जीरा के गांव मंसूरवाला की मैलब्रोज इंटरनेशनल फैक्ट्री से पांच किलोमीटर दूर गांव महियां वाला के गुरुद्वारा साहिब के लंगर हाल में पानी का बोर करते हुए दूषित पानी निकलने पर ग्रामीणों ने पानी से लाहन निकले का आरोप लगाया था। ग्रमीणों ने कहा पानी के बोर से लाहन निकला शराब फैक्ट्री का है। फैक्ट्री के प्रशासनिक अधिकारी पवन बांसल ने कहा फैक्ट्री और आसपास से पानी के सैंपल लिए गए थे, टेस्टिग में रिपोर्ट बिल्कुल साफ है बावजूद इसके किसान बात सुनने को तैयार नहीं। गुरुद्वारा साहिब में पानी के सैंपल लिए तो उसमें डीजल की दुर्गंध आ रही थी। सालों पहले यहां पर किसी पेट्रोलियम कंपनी ने खुदाई की थी। शायद उसका पानी दूषित निकला हो। उनको फैक्ट्री खुलवाने के लिए और कोशिश करनी चाहिए। कई परिवार फैक्ट्री के सहारे चलते हैं। लोगों के सामने रोजगार की पहले ही दिक्कत है। किसान संगठनों को बातचीत के माध्यम से मसला हल करना चाहिए। मानवता के नाते वर्करों को राशन ले जाने दें किसान : डीसी
डीसी अमृत सिंह ने कहा यह किसानों का पहला ऐसा प्रदर्शन है, जब किसी को राशन देने के लिए रोका जा रहा है। मानवता के नाते वर्करों को राशन भेजने की मंजूरी देनी चाहिए।