डीसीएम ग्रुप ने की होप कार्यक्रम की शुरुआत
विद्यार्थियों को प्रतियोगात्मक परीक्षाओं में सक्षम बनाने के उद्देश्य से डीसीएम ग्रुप आफ स्कूल्स की ओर से होप कार्यक्रम शुरू किया गया है
संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : विद्यार्थियों को प्रतियोगात्मक परीक्षाओं में सक्षम बनाने के उद्देश्य से डीसीएम ग्रुप आफ स्कूल्स की ओर से होप कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिसके तहत अनुभवी अध्यापको द्वारा कक्षा तीसरी से दसवीं तक के विद्यार्थियो को उच्च स्तरीय शिक्षा मुहैया करवाई जाएगी। होप का रस्मी उद्वाटन सीईओ अनिरूद्ध गुप्ता ने वर्चुअल माध्मय से बटन दबाकर किया।
डिप्टी सीईओ डा. गोपन गोपाला कृष्णन ने कहा कि डीसीएम द्वारा सभी स्कूलो के विद्यार्थियो के लिए तीन ग्रुप शुरू किए जाएंगे। पहले ग्रुप में कक्षा तीसरी से पांचवी तक के विद्यार्थी होंगे, जिसे नर्चर नाम दिया गया है। आधार ग्रुप में छट्टी से आठवी के विद्यार्थी तथा टैग में नौंवी से दसवी के विद्यार्थी शामिल होंगे। अनुभवी अध्यापको व स्पेशल ट्रेनर्स द्वारा कक्षाओ में हिस्सा लेने वाले विद्यार्थियो को उनके मुताबिक हायर एजुकेशन उपलब्ध करवाई जाएगी।
हेड सैकेंडरी प्रेमानंद ने कहा कि अकसर देखने में आया है कि पांचवी कक्षा तक अध्यापक जो विद्यार्थी को पढ़ाते है, उसे बच्चा पढ़ता है, लेकिन छठी में आने के बाद विद्यार्थी की एक विषय में दिलचस्पी बढ़ जाती है। विद्यार्थियो में उनकी दिलचस्पी तथा उनके जीवन का लक्ष्य व उद्देश्य को देखकरं उसी मुताबिक वह शिक्षा मुहैया करवाई जाएगी। असिस्टेंट सीईओ किरण शर्मा ने बताया कि होप के तहत विद्यार्थियों को उनकी आगे की क्लास का पाठयक्रम करवाया जाएगा। विद्यार्थियो को सामान्य ज्ञान सहित अन्य विषयों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
देव समाज कालेज में लगाई आनलाइन वर्कशाप संवाद सुत्र, फिरोजपुर : शारीरिक व मानसिक तंदुरुस्ती को बरकरार रखने व आनलाइन शिक्षा से पैदा हो रहे तनाव से बच्चों को दूर रखने के लिए देव समाज कालेज में वीरवार को रिफलेक्सोलाजी थेरेपी विषय पर आनलाइन वर्कशाप का आयोजन किया गया।
प्रिसिपल डा. रमनीत शारदा के नेत्तृव में आयोजित वर्कशाप में मुखय वक्ता डा. उमेश आरय, डीन एंड चेयरपर्सन, कमयुनिकेशन मैनेजमेंट एंड टेक्नोलाजी विभाग, फैक्लटी आफ मीडिया स्टडीज, गुरी जंभेश्वर यूनिवरसिटी आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी हिसार विशेष रूप से उपस्थित हुए। डा. उमेश ने बताया कि रिफ्लेक्सोलाजी थेरेपी एक वैकल्पिक चिकित्सा है, जिसमें अंगुठी, अंगुली व हस्त तकनीक से हाथ व पैर पर दबाव डाला जाता है।
उन्होंने बताया कि कि इस दबाव के माध्यम से तनाव को कम करने में सहायता मिलती है। परिसंचरण में सुधार आता है व शरीर के संबधित क्षेत्रों के प्राकृतिक कार्यो को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। इस थेरेपी से तनाव और अवसाद, गर्दन, कंधो का दर्द, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, आंखों की रोशनी, अनिद्रा आदि समस्याओं से राहत मिलती है और शरीर में तंदुरूस्ती आती है।
इस मौके पर कालेज प्रिसिपल डा. रमनीत शारदा ने कहा कि कोरोना काल में लगातार आनलाइन शिक्षा के कारण तनाव व शारीरक स्वास्थ्य से संबधित समस्याएं पैदा हुई है, जिनसे राहत पाने के लिए रिफ्लेक्सोलाजी थेरेपी बहुत सहायक सिद्ध होगी। इस मौके पर डा. अमित कुमार सिंह डीन अकादमिक ने मध्यास्थ की भुमिका निभाई।